वर्ष 2014 से 2018 के बीच पूर्वोत्तर सीमा रेलवे निर्माण शाखा में निविदा विज्ञापनों को लेकर 158 करोड़ का घोटाला ( Advertisment Scam ) हुआ था। इस घोटाले के साथ निर्माण शाखा के जनसंपर्क सेल का जुड़ाव बताया जा रहा है। सीबीआई ने इस घोटाले से जुड़े छह अधिकारी-कर्मचारियों से पूछताछ की है। इस घोटाले के मुख्य आरोपी के रुप में निर्माण शाखा के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी दिलीप बोरा का नाम सामने आ रहा है। निर्माण शाखा के जनसंपर्क अधिकारी के तौर पर बोरा ने बिहार और मध्य भारत के अस्तित्तवहीन अखबारों को रेलवे के करोड़ों के विज्ञापन देने के नाम पर बड़ी राशि का हेरफेर किया था। बोरा द्वारा किए गए इस घोटाले के सामने आने से उन्हें निर्माण शाखा से ओपन लाइन में तबादला किया गया।
फिलहाल पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के मुख्य कार्यालय में कार्य कर रहे बोरा की वित्तीय क्षमताएं पहले से ही काट दी गई हैं। सीबीआई ने स्वतः एक मामला (6/2019) दर्ज कर निर्माण शाखा के जनसंपर्क सेल के सभी विज्ञापन संबंधी फाइलों को जब्त किया है। अस्तित्वहीन अखबारों में विज्ञापन देकर बेकार ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई। इस मामले में सीबीआई जल्द ही दोषी अधिकारियों को गिरफ्तार करेगी। मालूम हो कि पूर्वोत्तर सीमा रेलवे का दायरा पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल के मालदा और बिहार के कटिहार तक है।