scriptगंगासागर मेला परिसर में टन भर से ज्यादा बिखरा पड़ा है प्लास्टिक | More than a ton of plastic is scattered in the Gangasagar Fair premise | Patrika News
गुवाहाटी

गंगासागर मेला परिसर में टन भर से ज्यादा बिखरा पड़ा है प्लास्टिक

मेला लगने के एक पखवाड़े बाद भी गंगासागर पवित्र स्थल की साफ सफाई नहीं हो पाई है। गंगा और समुद्र के पवित्र संगम स्थल के तट पर मानो गंदगी और प्रदूषण का साम्राज्य स्थापित हो गया है। लोगों के मोक्षदाता सागर मानो पुकार रहे हैं कि अब तो उन्हें गंदगी से मुक्त कराया जाए।

गुवाहाटीFeb 01, 2024 / 04:56 pm

Krishna Das Parth

गंगासागर मेला परिसर में टन भर से ज्यादा बिखरा पड़ा है प्लास्टिक

गंगासागर मेला परिसर में टन भर से ज्यादा बिखरा पड़ा है प्लास्टिक

– मंडरा रहा है प्रदूषण का खतरा
– ग्रामीणों को जागरूक करने भारतीय तटरक्षक चलाएगा अभियान
केडी पार्थ


कोलकाता. मेला लगने के एक पखवाड़े बाद भी गंगासागर पवित्र स्थल की साफ सफाई नहीं हो पाई है। गंगा और समुद्र के पवित्र संगम स्थल के तट पर मानो गंदगी और प्रदूषण का साम्राज्य स्थापित हो गया है। लोगों के मोक्षदाता सागर मानो पुकार रहे हैं कि अब तो उन्हें गंदगी से मुक्त कराया जाए। मेला परिसर में टन भर से ज्यादा प्लास्टिक जहां-तहां बिखरा पड़ा है। शौच भी है जो वातावरण में बदबू फैला रहा है। सड़े-गले अन्न, साग-सब्जियां भी इधर-उधर बिखरे पड़े हैं। देश के विभिन्न कोने के अलावा विदेशों से भी एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु मकर संक्रांति के मौके पर इस बार डुबकी लगाने आए थे। तब राज्य प्रशासन सक्रिय था। अब सागर तट अपने हाल पर रो रहा है। श्रद्धालुओं का पहला पड़ाव कोलकाता के बाबूघाट के समीप शिविर लगता है। यहां भी शिविर लगाए जाते हैं, लेकिन मेला समाप्ति के बाद सामाजिक संस्थाएं इस परिसर को साफ कर ही यहां से जाती हैं। कोलकाता नगर निगम भी इसकी साफ-सफाई में प्रमुख भूमिका निभाता है।

सागर में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई

प्लास्टिक समेत अन्य उपकरण सागर में फेंक दिए जाते हैं। पहली फरवरी को भारतीय तटरक्षक दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भारतीय तटरक्षक के अधिकारियों ने सागर में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जाहिर की। पश्चिम बंगाल के तीन तटीय जिलों पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना के 14 तटीय पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाला क्षेत्र शामिल है। इन क्षेत्रों के प्रतिनिधियों, ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकर भारतीय तटरक्षक के अधिकारी उन्हें जागरूक करते हैं। लेकिन इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ रहा है।
फंस जाते हैं जहाज
लोग अपनी जिम्मेवारी भूल रहे हैं जिस कारण सागर में प्रदूषण बढ़ रहा है। पानी का स्तर कम हो गया है। भाटा के समय तटीय क्षेत्रों का एक बड़ा हिस्सा सूख जाता है। जिससे बड़े जहाज की बात ही अलग है, छोटी नौकाएं भी नहीं जा पाती। जल स्तर के कम होने के कारण मकर संक्रांति के दौरान 400 यात्रियों के लेकर जा रहा एक बड़ा जहाज बालू के ढेर में फंस गया था। तब भारतीय तटरक्षक के एयर क्राफ्ट वैसेल मौके पर जाकर फंसे तीर्थ यात्रियों के बाहर निकाला।

इनका कहना है

श्रद्धालुओं का मुख्य मकसद गंगासागर में स्नान करना है। वे कतई गंदगी फैलाने के उद्देश्य से नहीं आते हैं। लेकिन देखा जा रहा है कि मेला परिसर में भारी परिणाम में प्लास्टिक पड़ा रहता है। अगले वर्ष मकर संक्रांति के मौके पर इस मुद्दे को प्रमुखता के साथ राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ चर्चा की जाएगी। ग्रामीणों को भी जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
इकबाल सिंह चौहान, कमांडर महानिरीक्षक, तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर पूर्व)

हिंदुओं के लिए क्यों प्रमुख है गंगासागर

कपिलमुनि मंदिर में देवी गंगा, कपिलमुनि और सागर राजा की मूर्तियां स्थापित हैं। कपिल मुनि मंदिर तीर्थयात्रा का मुख्य केंद्र है। स्नान अनुष्ठान पूरा करने के बाद भक्त कपिलमुनि की पूजा करते हैं। कुछ लोग गंगा स्नान के दिन यज्ञ और होम भी करते हैं। कुछ श्रद्धालु दिन में कठोर उपवास भी रखते हैं। शाम को, भक्त पंडितों के मंत्रों के साथ देसी घी का दीपक जलाते हैं और उसे गंगासागर संगम में प्रवाहित करते हैं। श्रद्धालु देवी गंगा के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और जानबूझकर या किए गए अपने दुष्कर्मों के लिए क्षमा मांगते हैं।

Home / Guwahati / गंगासागर मेला परिसर में टन भर से ज्यादा बिखरा पड़ा है प्लास्टिक

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो