मिजोरम बीजेपी इकाई के अध्यक्ष प्रोफेसर जेवी लूना ने चेतावनी दी की नागरिकता बिल को अगर राज्यसभा से पास किया जाता है तो राज्य बीजेपी के सभी पदाधिकारी अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे। बीडी चकमा राज्य विधानसभा में बीजेपी के एकमात्र विधायक है। पार्टी का कहना है कि इस बिल के पास होने से मिजोरम में रह रहे अवैध चकमा शरणार्थियों को नागरिकता मिल सकेगी। इसीलिए राज्य में बहुसंख्यक मिजो समुदाय पुरजोर तरीके से इस बिल का विरोध कर रहा है। राज्य में सभी राजनीतिक दल और मिजो सामाजिक संगठन भी इस बिल के विरोध में एकमत और एक साथ हो गए है।
आइजोल में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रोफेसर लूना ने कहा कि यह बिल मिजोरम के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों के हित के खिलाफ है। प्रोफेसर लूना ने कहा कि भाजपा इकाई राज्य के हितों की रक्षा करने के लिए बनी है अगर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस बिल को पास कराने के लिए आगे बढ़ता है तो हमारे पास राज्य इकाई को भंग करने के अलावा और कोई उपाय नहीं होगा। हम प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और पार्टी के दूसरे नेताओं के पास पहुंचे और बिल के विरोध में अपनी बात रखी है।
क्षेत्रीय दलों ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की
मिजोरम के स्थानीय दल प्रिज्म ने मुख्यमंत्री जोरमथंगा और विधानसभा स्पीकर ललरिनलिआना से नागरिकता संशोधन बिल 2016 के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। प्रिज्म पार्टी ने प्रेस को बताया कि मुख्यमंत्री और स्पीकर को इस बाबत पत्र भी लिखा गया है जिसमें सभी दलों से दलगत हित से उठकर राज्य के हित में एकमत से इस बिल के विरोध में आगे आने की अपील की है।
पार्टी ने यह भी बताया कि गत 15 जनवरी को मुख्यमंत्री से सर्वदलीय बैठक बुलाने का निवेदन किया गया था लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। गत 10 जनवरी को राज्य कैबिनेट ने प्रस्ताव पास कर इस बिल को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। 14 जनवरी को नई दिल्ली में राज्य के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान इस बिल को लेकर नाराजगी जताई थी। मिजोरम में सत्तारूढ़ एमएनएफ भाजपा के नेतृत्व वाले पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन–नेडा और एनडीए की सहयोगी दल है।
12 फरवरी को राज्यसभा में इस बिल को रखा जा सकता है
इंफाल में भाजपा के महासचिव और पूर्वोत्तर के भाजपा के प्रभारी राम माधव ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि इस बिल को मौजूदा बजट सेशन के दौरान राज्यसभा में रखा जाएगा। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार इस बिल को राज्यसभा में बजट सेशन के आखरी दिन 12 फरवरी को रख सकती है। इंफाल में राम माधव ने यह भी बताया था कि गृह मंत्रालय इस बिल को पास कराने के लिए सभी राजनीतिक दलों से बातचीत कर रहा है और हमें उम्मीद है इस बिल को पास कराने के लिए कोई बीच का रास्ता निकाल लिया जाएगा। राम माधव ने यह भी कहा कि हालांकि नागरिकता संशोधन बिल राज्य सभा की कार्यसूची में नहीं है लेकिन इसको एक पूरक बिल के तौर पर रखा जाएगा।