हिपेई पलक विधानसभा सीट से 2013 में चुने गए थे। वे दो बार राज्यसभा के लिए भी निर्वाचित हुए थे। वे 1990 से 2002 तक राज्यसभा सांसद रहे। उन्हें इस बार फिर पलक विधानसभा से चुनाव की टिकट की उम्मीद थी। मारा स्वशासी परिषद(एमएडीसी) से हुए राजनीतिक मतभेद के चलते मिजोरम कांग्रेस ने हिपेई की जगह टिकट केटी रोकहा को दिया। भाजपा ने अब तक तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे,इनमें पलक विधानसभा क्षेत्र भी है। इसलिए संभावना है कि भाजपा पलक से उन्हें टिकट देगी। इस बार तो कांग्रेस का दामन छोड़ मंत्री और विधायक एमएनएफ और भाजपा में शामिल हुए हैं।
पूर्व मंत्री और चकमा नेता डा.बी डी चकमा ने भी हाल ही में कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। कांग्रेस को इनसे कुछ नुकसान हो सकता है।