सीएम ने पीएम को लिखे पत्र में कही यह बातें
इस बीच मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने भी प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि केन्द्र को राज्य में बाकी बची हुई 11 मूलनिवासी नेपाली समुदायों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371 एफ के अंतर्गत जनजाति का दर्जा दिया जाए। इसके लिए जरूरी संवैधानिक प्रक्रिया को भी पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमने संसद में इसके लिए विधेयक लाने से संबंधित राज्य की तरफ से जरूरी दस्तावेज पहले ही केंद्र को भेज दिया है। विधानसभा का विस्तार करना केन्द्र का क्षेत्राधिकार है। 2011 की जनसंख्या के हिसाब से यह हमारा अधिकार बनता है। सिक्किम विधानसभा के चुनाव 2019 के आम चुनावों के साथ होगा।
पीएम से हुई थी बात,दिए गए ठंडे छीटें
सांसद राय के साथ ही मुख्यमंत्री चामलिंग ने भी कहा है कि 2019 के चुनाव से पहले राज्य विधानसभा का विस्तार होना चाहिए। दिसंबर में संसद का शीतकालीन अधिवेशन शुरू होने से पहले एनडीए के घटक दलों की बैठक में भाग लेते हुए एमपी डीपी राय ने प्रधानमंत्री के साथ इस विषय पर बातचीत हुई थी, जिसको मंत्रिमंडल की बैठक में सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार किया था और प्रधानमंत्री ने शीतकालीन अधिवेशन में इस विषय पर बिल लाने का आश्वासन दिया था। अगर सरकार मौजूदा संसद अधिवेशन में इसके लिए बिल पास नहीं कर सकती है तो राष्ट्रपति के अध्यादेश के माध्यम से इसको किया जाए।
मौजूदा सीटों के लिए यह है जातीय गणित
अभी 32 में से 12 सीट सिक्किम की मूल जनजातीय समुदायों भूटिया व लेपचा के लिए, 2 सीट अनुसूचित जाति के लिए और एक सीट संघा क्षेत्र विशेष के लोगों के लिए आरक्षित है। बाकी 17 सीट सिक्किम मूल की नेपाली जनसंख्या के लिए है। अगर 8 सीट और जुड़ती है, तो इनमें 5 सीट लिंबू व तमांग जैसे जनजातियों के लिए आरक्षित होगी। बाकी तीन सीट अनारक्षित होगी। इस प्रकार 40 में से 17 सीट 40 फीसदी जनजातीय समुदायों व 23 सीट 60 फीसदी गैर-जनजातीय समुदाय के लिए होगी।
लोगों में बढ़ सकती है केंद्र के प्रति नाराजगी
केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार के इस विधानसभा सीट के विस्तार व विभाजन की योजना सूत्र को सैद्धांतिक रूप से मान लिया था। अब संसद का शीतकालीन अधिवेशन समाप्त होने को है लेकिन सिक्किम विधानसभा के विस्तार के लिए बिल का पास नहीं होना, राज्य के लोगों में केन्द्र सरकार के प्रति नाराजगी का एक कारण बन सकती है। पवन चामलिंग 12 दिसंबर 1994 से लगातार राज्य के मुख्यमंत्री है। यह उनका लगातार पांचवां कार्यकाल है। अभी देश में सबसे ज्यादा समय के लिए मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा किया है। सिक्किम में सत्तारूढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट केन्द्र में एनडीए की सदस्य हैं। राज्य में 2009 के विधानसभा चुनाव में सभी 32 सीट एसडीएफ ने जीती थी, तो 2014 के चुनाव में 3 सीट पर सिक्किम क्रांतिकारी पार्टी ने जीत दर्ज की थी।