प्रसाद की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कहा कि ज्योतिप्रसाद अगरवाला ने असम के सांस्कृतिक जगत को एक नये मुकाम तक पहुंचाया था। इस महान कलाकार ने भोलागुड़ी चाय बागान में अनभिज्ञ कलाकारों को लेकर पहली असमिया फिल्म जयमती का निर्माण कर असमिया फिल्म की यात्रा शुरू की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जयमती के निर्माण के जरिये ज्योतिप्रसाद महिला के सशक्तिकरण पर भी बड़ा कदम उठाया था। असमिया सांस्कृतिक सत्ता को विश्व दरबार में प्रतिष्ठित किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कलाकार ईश्वर के दूत होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के भीतर जो कलाकारी है वह बाहर लाकर वह समाज को सुंदर रूप से खड़ा कर सकता है। मुख्यमंत्री ने राज्य की नयी पीढ़ी को ज्योतिप्रसाद के आदर्श से प्रेरित होने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब भी हमारे समाज में अपसंस्कृति, अंधविश्वास, सामाजिक व्याधि देखने को मिलती है। असम के महान पुरुषों की सृजनात्मकता का अध्ययन कर उनके प्रयोग से हमें सुधार करना होगा। नयी पीढ़ी को सकारात्मक दृष्टिकोण से आगे ले जाने के लिए अभिभावक, शिक्षक-शिक्षिकाओं को विद्यार्थियों को महान विभूतियों के कामकाज से अवगत कराना होगा।
कार्यक्रम में तामोलबाड़ी चाय कंपनी प्राइवेट लिमिटेड निदेशक देवी प्रसाद बागड़ोदिया ने कहा कि तामोलबाड़ी चाय बागान की नौ बीघा जमीन में ज्योति तीर्थ सांस्कृतिक परियोजना के जरिये ज्योतिप्रसाद की रचनावली, उनके जीवन और कर्म, उनसे संबंधित किताबें, फिल्में संरक्षित कर रखी जाएगी। मुख्यमंत्री ने तामोलबाड़ी चाय बागान में ज्योतिप्रसाद की एक मूर्ति का भी अनावरण किया।