उन्होंने कहा कि कई संशोधन के प्रस्ताव आए हैं। असम में इसको लेकर जो विरोध दिखा है, उसे भी रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा। मालूम हो कि भाजपा के 13 सदस्यीय को छोड़कर कमेटी के सभी विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का विरोध किया। मालूम हो कि कमेटी के सदस्य जोरहाट के सांसद कामाख्या प्रसाद तासा राष्ट्रपति के साथ विदेशे दौरे पर हैं। इसलिए बैठक में शामिल नहीं हुए।
वहीं अगप के प्रतिनिधिमंडल आज संयुक्त संसदीय समिति के बैठक के पहले मुलाकात कर असम के लिए विधेयक का विरोध करने का अनुरोध किया। अगप प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अगप अध्यक्ष अतुल बोरा ने किया। बोरा ने सदस्यों से कहा कि इस विधेयक के पारित होने से असम में भयावह समस्या आएगी। विधेयक से स्वदेशी लोगों के अस्तित्व के सामने खतरा पैदा हो जाएगा।
24 मार्च 1971 से आए हिंदू हों या मुसलमान सभी विदेशियों को असम में रहने नहीं दिया जाएगा। क्योंकि यह असम समझौते का उल्लंघन है। साथ ही अद्यतन की जा रही राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन में भी दिक्कतें आएंगी। अवैध घुसपैठ से असम की सामाजिक व अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है। इसलिए बोरा ने समिति के सभी सदस्यों से विधेयक का विरोध करने का अनुरोध किया।
इस प्रतिनिधिमंडल में बोरा के अलावा कार्यकारी अध्यक्ष केशव महंत, मंत्री फणिभूषण चौधरी, महासचिव वीरेंद्र प्रसाद वैश्य और रमेंद्र नारायण कलिता मौजूद थे।