असम के आदिवासी संगठनों की समन्वय समिति ने राज्य के छह जातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के प्रावधान वाले विधेयक के विरोध में यह बंद बुलाया है।
यहां दिखा बंद का व्यापक असर
बोडोलैंड क्षेत्र के जिलों कोकराझाड़, उदलगुड़ी, बाक्सा और चिरांग, बंगाईगांव तथा आदिवासी बहुल मोरिगांव, नगांव, होजाई, दिमा हसाओ तथा कार्बी आग्लांग जिलों में बंद लगभग पूरी तरह प्रभावी रहा। पुलिस ने कहा कि बंद समर्थकों ने राष्ट्रीय राजमार्गों तथा अन्य सड़कों पर वाहनों की आवाजाही रोकने की कोशिश की। उन्होंने बंद की शुरुआत में टायर जलाए और सड़कों पर पेड़ गिरा दिए। उन्होंने कहा कि डबका में राष्ट्रीय राजमार्ग-36 पर ट्रक फंसे रहे। दुकानें, बाजार, शिक्षण संस्थान, बैंक और निजी दफ्तर बंद रहे, वहीं सड़कों से वाहन नदारद रहे।
पुलिस के मुताबिक बंद प्रभावित क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के साधनों के नहीं होने से सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की मौजूदगी बहुत कम रही। उन्होंने यह भी कहा कि गुवाहाटी में बंद का कोई असर नहीं रहा। वहीं केंद्र के इस कदम के खिलाफ भाजपानीत सरकार में सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट(बीपीएफ) नाराज है। उसे लगता है कि सरकार के इस कदम से उसको एसटी का जो लाभ मिलता है उसका कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। नाराज बीपीएफ के नेता इस मसले पर अपनी नाराजगी जताने और मामले को ठीक करने के लिए दिल्ली गए हैं।