रियाजुद्दीन ने डिमापुर के अवैध हथियार बाजार से कमर और शाह आलम को परिचित कराया। जल्द ही वे यहां से एके 47 खरीदने वाले थे। जांच एजेंसियों के अनुसार कमर और उसके सहयोगी हथियार खरीदकर असम के लामडिंग समेत कई शहरों को दहलाने वाले थे। कश्मीर के एक व्यक्ति ने कमर और उसके सहयोगियों को हथियार खरीदने के लिए रकम दी थी। कमर के बड़े भाई साहिफूल इस्लाम उर्फ लिटान को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसे अदालत में पेश कर दस दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। कमर के साथ संगठन के कामों में साहिफूल हाथ बंटा रहा था।
धार्मिक नेता बनकर पाकिस्तान से असम आया आमिर
जांच एजेंसियों के अनुसार 2017 में हिजबुल का शीर्ष नेता आमिर कमर के साथ असम आया था। पूर्वोत्तर में संगठन का नेटवर्क विस्तारित करने के लिए वह धार्मिक नेता के रूप में पाकिस्तान से असम आया था। कमर के जमुनामुख स्थित घर में वह रहा था। उसके साथ दो कम उम्र के युवक थे। आमिर ने इनका परिचय अपने बेटों के रूप में कराया था। आमिर ने ही कमर और शाह आलम को हिजबुल के काम पर लगाया था। आमिर अपने इस दौरे के दौरान ऊपरी असम भी गया था। साथ ही नगांव के अल्पसंख्यक बहुल अनेक इलाकों में भी घूमा था। इन सब के दौरान कमर आमिर के साथ था। जांच एजेंसियों के अनुसार अमीर कमर और शाह आलम के साथ डिमापुर हथियार खरीदने के लिए भी गया था। वहीं उनकी मुलाकात हथियार व्यापारी जन बहार से हुई थी।