केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक राज्य सरकार को इस कीड़े के संभावित प्रकोप के बारे में फ़रवरी महीने में ही सूचित कर दिया था। इसी सूचना के आधार पर राज्य के कृषि मंत्रालय ने सभी जिला कृषि अधिकारियों को सूचना भेज कर उन्हें जरूरी तैयारिया करने की सलाह दी थी। अभी इस कीड़ा का प्रकोप शुरू हुआ हैं जो मानसून के आने के बाद और बढ़ेगा। दिन के समय यह कीड़ा मक्का के पौधे की पत्तियों में छुप जाता और रात में यह सक्रिय होता हैं। इसलिए इस कीड़े का पौधे में पता लगाना मुश्किल का काम हैं। समस्या से जल्द नहीं निपटा गया तो मक्का किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है।