scriptचाय के शौकिन सावधान, इसमें हो सकता है जहरीला रसायन | Beware of tea lovers, it may contain poisonous chemicals | Patrika News

चाय के शौकिन सावधान, इसमें हो सकता है जहरीला रसायन

locationगुवाहाटीPublished: Oct 17, 2019 04:27:46 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

चाय के शौकिन सावधान हो जाएं। आम से लेकर खास तक चायपीने वाले कहीं मिलावटी चाय तो नहीं पी रहे है। चाय को अधिक गाढ़ा बनाने के लिए मिलावटखोर इसमें हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल कर रहे हैं।
 
 

चाय के शौकिन सावधान, इसमें हो सकता है जहरीला रसायन

चाय के शौकिन सावधान, इसमें हो सकता है जहरीला रसायन

गुवाहाटी(राजीव कुमार): चाय के शौकिन ( Lover of Tea ) सावधान ( Beaware ) हो जाएं। आम से लेकर खास तक चायपीने वाले कहीं मिलावटी ( Adulteration ) चाय तो नहीं पी रहे है। अभी तक लगता यही था कि कम से कम चाय तो मिलावटियों की काली नजर से बची हुई है। अब चाय को भी मिलावटियों की नजर लग गई है। भारतीय चाय बोर्ड ( ITB ) ने चाय की पत्तियों में मिलावट का खुलासा किया है। चाय को अधिक गाढ़ा बनाने के लिए मिलावटखोर इसमें हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल कर रहे हैं। बोर्ड ने जब कुछ चाय पत्तियों के नमूनों की जांच की तब चाय में मिलावट का पता चला।
एफएसएसएआई नहीं देता रंग की स्वीकृति
चाय बोर्डं ने चाय में रंग मिलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी ( Warning ) दी है। बोर्ड ने कहा है कि चाय में रंग मिलाने का कोई प्रावधान नहीं है। बोर्ड ने सभी हिस्सेदारों से फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के निदेर्शों का पालन करने के निर्देश दिए है। एफएसएसएआई आठ सिंथेटिक रंगों को कुछ निर्धारित खाद्य पदार्थों में मिलाने की स्वीकृति देता है, इनमें चाय शामिल नहीं है।
विषैले टरट्रजाइन का इस्तेमाल
चाय बोर्ड ने असम के एक बोट लीफ फैक्ट्री के नमूने की जांच की तो उसमें एक पीला रंग इस्तेमाल करने की बात सामने आई। अब बोर्ड उसके लाइसेंस को रद्द करने के कदम उठाएगा। यह कलरिंग एजेंट टरट्रजाइन है। खाद्य सामानों में रंग करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। चाय में अच्छा रंग लाने के लिए कभी कभार इसका इस्तेमाल किया जाता है। बोर्ड ने कहा कि रंग की मिलावट उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के नजरिए से खतरनाक है,इसलिए यह वर्जित है। बोर्ड ने एक नोटिस में कहा है कि अकसर रिपोर्ट आती है कि निम्न क्वालिटी की चाय में रंग देकर उसे बेचने योग्य किया जाता है। इन रंगों से चाय की गुणवत्ता नहीं बढ़ती है। कुछ रंग हैं जो गैर विषैले होते हैं और उन्हें एफएसएसएआई मिठाई और फल के रसों में मिलाने की इजाजत देता है।
ऐसे पकड़े मिलावट को
बोर्ड का कहना है कि साधारण प्रयास से ही चाय के रंग को पकड़ा जा सकता है। सिर्फ सूखी चाय को हाथ पर रगडिएि तो हाथ में एक चमकीला रंग लग जाएगा। जो अच्छी चाय होगी उसका रंग हाथ में नहीं लगेगा। बोर्ड ने और एक तरीका बताया है जिसके अनुसार एक गिलास ठंडे पानी में चाय डूबा दीजिए। यदि तुरंत गिलास का सफेद पानी रंगीन हो जाता है तो उसमें रंग का इस्तेमाल किया गया है।
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