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शहीदों के गांव से…असम का मनेश्वर छुट्टियां मनाकर चार फरवरी को ही लौटा था ड्यूटी पर, परिजनों की मांग आतंकियों को मिले कड़ी सजा

locationगुवाहाटीPublished: Feb 15, 2019 07:18:25 pm

Submitted by:

Prateek

बंगाईगांव के और एक जवान पवित्र बर्मन की मौत की खबर आई थी लेकिन उसने खुद सोशल मीडिया पर आकर कहा कि वह बाल-बाल बच गया। उसे थोड़ी चोट आई है…

Maneshwar Basumatary

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राजीव कुमार की रिपोर्ट…

(गुवाहाटी): कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में मारे गए सीआरपीएफ जवानों में असम के बाक्सा जिले के तामुलपुर के गोलीबाड़ी का मनेश्वर बसुमतारी(48) भी शामिल है। शहीद होने की खबर आने के बाद उसके घर मातम का माहौल है। मनेश्वर बिहू में छुट्टियां मनाने घर आया था। वह छुट्टियां मनाकर 4 फरवरी को ही वापस लौटा था। वह अपने पीछे पत्नी सन्मति बसुमतारी और एक बेटी डिडवमसरी बसुमतारी और बेटे धनंजय बसुमतारी को छोड़ गया है।

 

पत्नी सन्मति कहती है जब बेटी एक महीने की थी, तभी वह सीआरपीएफ की नौकरी में चला गया। उसे सीआरपीएफ में नौकरी करते हुए 25 साल हो गए। बेटी डिडवमसरी कहती है कि हम चाहते हैं कि पिता के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। मनेश्वर का भतीजा कहता है कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करता हूं कि आतंकवादी गुटों के खिलाफ कड़ा कदम उठाएं, जो कि लगातार भारत पर हमला कर रहे हैं। उसने सरकार से मांग की कि मेरे चाचा के बेटे-बेटियों को सरकारी नौकरी दें, ताकि वे अपना जीवन गुजर बसर कर सकें। बंगाईगांव के और एक जवान पवित्र बर्मन की मौत की खबर आई थी लेकिन उसने खुद सोशल मीडिया पर आकर कहा कि वह बाल-बाल बच गया। उसे थोड़ी चोट आई है।

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