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असम में पहले चरण के पंचायत चुनाव का प्रचार खत्म,सहयोगी अगप पर भाजपा के हमले से चुनाव हुआ रोमांचक

locationगुवाहाटीPublished: Dec 03, 2018 07:22:53 pm

Submitted by:

Prateek

भाजपा ने लोकसभा चुनाव के पहले अपनी शक्ति मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है…

assam cm

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राजीव कुमार की रिपोर्ट…

(गुवाहाटी): असम में पहले चरण के पंचायत चुनाव के लिए सोमवार दोपहर तीन बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो गया। पांच दिसंबर को पहले चरण का चुनाव 33 जिलों में से 16 जिलों में होगा। दूसरे चरण का पंचायत चुनाव 9 दिसंबर को होगा। नतीजे 12 दिसंबर को आएंगे।

 

इतने उम्मीदवार ठोक रहे ताल

इस बार 734 उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं। इनमें भाजपा से 380, कांग्रेस से 193, अगप से 28, एआईयूडीएफ से 10, बीपीएफ से पांच, माकपा से एक और 117 निर्दलीय उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं। पंचायत चुनाव में कुल 78,571 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 420 जिला परिषद के सदस्यों के लिए 1512 उम्मीदवार,2199 आंचलिक पंचायतों के लिए 7004 उम्मीदवार,2199 गांव पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 7667 उम्मीदवार और 21990 गांव पंचायत सदस्यों के लिए 62388 उम्मीदवार मैदान में हैं।


अबकि बार मित्र बने शत्रु

इस चुनाव के लिए मित्र शत्रु बन गए हैं। भाजपानीत राज्य सरकार में अगप सहयोगी है। भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार में अगप पर जमकर हमला किया। हमला भाजपा के अन्य नेताओं के साथ-साथ खुद मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने किया। इस पर अगप ने भी चुप्पी तोड़ी। अगप अध्यक्ष तथा कृषि मंत्री अतुल बोरा ने कहा कि गठबंधन कभी भी टूट सकता है। वहीं इस बार भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और प्रभावशाली मंत्री डा.हिमंत विश्व शर्मा ने हेलीकॉप्टरों से चुनाव प्रचार किया। वहीं एआईयूडीएफ के अध्यक्ष तथा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने भी हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार किया। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के पहले अपनी शक्ति मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के इस तरह चुनाव मैदान में कूदने से पंचायत चुनाव आकर्षक हो गए हैं।


बीजेपी का प्रदर्शन रहा बेहतर तो आम चुनाव में…

भाजपा ने पंचायत चुनाव में बेहतर किया तो वह लोकसभा चुनाव राज्य में अकेले दम पर लड़ेगी। वहीं अगप की स्थिति पंचायत चुनाव में बेहतर नहीं हुई तो उसकी स्थित लोकसभा में भी बेहतर होने की गुंजाइश नहीं रहेगी। कांग्रेस फिर से अपनी स्थिति को ठीक करने के लिए जोर आजमाइश कर रही है। एआईयूडीएफ भी इसी कोशिश में है। 12 दिसंबर को ही स्थिति साफ होगी।

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