फिलहाल 27 जिलों के 92 राजस्व चक्र और 3,705 गांव बाढ़ की चपेट में है। इनमें धेमाजी, लखीमपुर, विश्वनाथ, शोणितपुर, दरंग, बाक्सा, बरपेटा, नलबाड़ी, चिरांग, बंगाईगांव, कोकराझाड़, धुबड़ी, दक्षिण सालमारा, ग्वालपाड़ा, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), मोरिगांव, नगांव, होजाई, कार्बी आंग्लांग, गोलाघाट, माजुली, जोरहाट, डिब्रुगढ़, तिनसुकिया, कछार और करीमगंज शामिल है। इन जिलों के 48,87,443 लोग अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं।
बाढ़ ( Assam Flood ) प्रभावित लोगों के लिए 755 राहत शिविर खोले गए हैं। इनमें 1.5 लाख लोग रह रहे हैं। पिछले 24 घंटों में 11 लोगों के मरने से बाढ़ में मरने वालों की संख्या 48 हो गई है। पिछले 24 घंटों में बरपेटा में 3, धुबड़ी में 5 और मोरिगांव में तीन लोग मारे गए हैं।
ब्रह्मपुत्र ( Brahmaputra ) का पानी जोरहाट के निमातीघाट, गुवाहाटी, ग्वालपाड़ा और धुबड़ी, धनसिरी नुमलीगढ़ में, जियाभराली शोणितपुर में और कपिली नगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने माजुली जाकर बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की।