मालूम हो कि कामाख्या मंदिर शक्तिपीठ है। यहां 22 से 26 जून तक अंबुवासी मेला हर साल की तरह आयोजित होगा। इसकी पूरी तैयारियां हो चुकी है। तीन सौ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।सुरक्षा के भारी बंदोबस्त हैं। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने मंगलवार को कामाख्या जाकर वहां के इंतजामों की समीक्षा की थी। इसके बाद यह घटना सामने आने से पूरी सुरक्षा व्यवस्था पर ही सवालिया निशान लग गए हैं। मेले में लगभग 25 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। इस घटना के बाद लोगों को यहां आने में डर लगेगा। मामला सामने आने के बाद पुलिस के आला अधिकारी घटनास्थल गए हैं। खोजी कुत्तों की मदद से घटना को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। रिपोर्ट लिखे जाने तक कटा हुआ सिर बरामद नहीं हुआ है।
कामाख्या धाम में कबूतर, बकरा, भैंस जैसे जानवरों की बलि दी जाती है। पर नरबलि की घटना अब तक सामने नहीं आई थी। जब तक हत्यारे का पता चल नहीं जाता तब तक यह कहना गलत होगा कि नरबलि हुई है या फिर किसी ने हत्या कर वहां शव को फेंककर मामले में पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की है। नरबलि की इस घटना से अंबुवासी मेले के इतने बड़े आयोजन पर इस बार पानी फिर सकता है क्योंकि मा कामाख्या शक्तिपीठ देश-विदेश में काफी प्रसिद्ध है। यहां देश-विदेश से श्रद्धालु पूजा करने आने के साथ ही काफी तांत्रिक मेले के दौरान आते हैं।