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विवादित विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री सोनोवाल ने शुरू की बातचीत

locationगुवाहाटीPublished: Jan 22, 2019 09:54:34 pm

सीएम ने असम साहित्य सभा व अन्य जनगोष्ठीय साहित्य सभा के प्रतिनिधियों के समक्ष अपना पक्ष रखा व सहयोग की अपील की…

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राजीव कुमार की रिपोर्ट…

(गुवाहाटी): असम मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक-2016 के विरोध को देखते हुए विभिन्न पक्षों से बातचीत शुरू की है। मंगलवार को इसी क्रम में असम साहित्य सभा समेत अन्य जनगोष्ठीय साहित्य सभाओं के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री ने इस विधेयक को लेकर बैठक की और राज्य सरकार की स्थिति से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम समझौते की छह नंबर धारा को सही ढंग से लागू कर स्वदेशी लोगों की जमीन, भाषा, कला-संस्कृति, स्थानीय निकायों में आरक्षण और रोजगार की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।


जनता को जागरूक करने की अपील

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने से राज्य में विदेशियों की बाढ़ आएगी ऐसा प्रचार कुछ दल-संगठन कर रहे हैं। यह सत्य पर आधारित नहीं है। मुख्यमंत्री ने असम साहित्य सभा और राज्य के स्वदेशी और जनगोष्ठीय संगठनों से अनुरोध किया कि विधेयक और असम समझौते की धारा 6 को सही ढंग से लागू करने के लिए सरकार ने जो कदम उठाये हैं उसके बारे में जनता को जागरुक करें।

 

पूरे देश में बांटकर बसाया जाएगा छह धर्मों के लोगों को—सीएम

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि स्वदेशी लोगों की भाषा-संस्कृति के प्रति खतरा पैदा करने वाली किसी भी सख्ती के साथ समझौता नहीं करेगी। स्वदेशी लोगों के हितों की रक्षा के लिए सरकार दृढ़ता से कार्य करेगी। नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 एक राष्ट्रीय नीति है। भारत के पड़ोसी देशों से छह धर्मों के लोग उत्पीड़न के चलते भारत आकर स्थायी रूप से रहने की अनुमति मांगेंगे उन्हें ही पूरी देश में बांट कर बसाया जाएगा। विधेयक के बारे में कुछ दल-संगठन जो गलत प्रचार कर रहे हैं, उससे राज्य काफी पिछड़ जाएगा। सरकार भूमिहीन स्वदेशी लोगों को जमीन के पट्टे देने का कार्य कर रही है। राज्य के छह जनगोष्ठियों के जनजातिकरण का कदम फिलहाल अनुसूचित जनजाति में रहने वाले समुदायों को प्रभावित करेगा, ऐसी आशंका को दूर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले से अनुसूचित जाति का दर्जा जिन्हें मिला हुआ है, उनके अधिकार को कम नहीं किया जाएगा।

 

यह लोग रहे बैठक में मौजूद

मंगलवार को हुई इस बैठक में असमिया भाषा विधेयक, सरकारी काम-काज में असमिया भाषा के इस्तेमाल, यूनिकोड में असमिया भाषा के फान्ट के शामिल करने को लेकर चर्चा की गयी। बैठक में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ऋषिकेश गोस्वामी, मुख्य सचिव आलोक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय लोहिया, असम साहित्य सभा के अध्यक्ष डॉ. परमानंद राजवंशी, बोड़ो साहित्यसभा के अध्यक्ष कमला मुसाहारी समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

 

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