यह गिरफ्तारी धमकी के बाद गोसाईगांव में दर्ज हुए एक मामले के सिलसिले में की गई है। वहीं जितेन दत्त को शिवसागर जिले के गौरीसागर में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि दत्त की भी गिरफ्तारी होगी। वहीं इन घटनाओं को लेकर शनिवार को बंगाली संगठनों 24 घंटे के बंद का आह्वान किया है। सरकार ने बंद के दौरान सामान्य जनजीवन बनाए रखने का निर्देश जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को दिया है।
मृतकों के परिजनों को पांच लाख का मुआवजा
वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद घटनास्थल गए जलसंसाधन मंत्री केशव महंत और ऊर्जा राज्य मंत्री तपन गोगोई ने मारे गए लोगों के परिवार वालों को पांच-पांच लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही घायल लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कही है।
दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा है कि जिसने भी घटना को अंजाम दिया है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। पुलिस को उन्होंने तुरंत दोषियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। असम सभी समुदायों को लेकर प्रगति की राह पर बढ़ चला था उस वक्त इस तरह का वाकया कर कुछ असामाजिक तत्व भाईचारे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
कुछ लोग फैला रहे है नफरत—सीएम
उन्होंने कहा कि कुछ संगठनों,कुछ मीडिय़ा और जनप्रतिनिधियों द्वारा फैलाई गई नफरत के चलते ऐसा हुआ है। उन्होंने सभी से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि जो इस तरह की नफरत फैलाएंगे उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उल्फा का गढ है तिनसुकिया
उधर घटनास्थल से पुलिस को एके 47 के 30 खाली कारतूस मिले हैं। वहीं बंगाली संगठन बंगाली युवा छात्र फेडरेशन के सलाहकार सुकुमार विश्वास ने कहा है कि वार्ता समर्थक उल्फा नेताओं ने ही बंगालियों की हत्या की है। सरकार की कमजोरी के चलते ही यह घटना घटी है। तिनसुकिया में उल्फा का गढ़ है। इसके बाद भी कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं है।