मुख्यमंत्री ने मेले के आयोजन के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी कामरूप (मेट्रो) के उपायुक्त से मांगी। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं के लिए शिविर का इंतजाम, पेयजल, सुरक्षा, परिवहन, चिकित्सा, विद्युत आपूर्ति, स्वच्छता जैसे मुद्दों पर विस्तार से जानकारी ली।
बैठक में मुख्यमंत्री ने 25 लाख भक्तों के जुटने को देखते हुए मेले को अच्छी तरह से संचालित करने के लिए प्रत्येक विभाग को त्वरित कदम उठाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने इस मेले में आने वाली महिलाओं, बच्चों और वृद्धों को कोई दिक्कत न हो यह सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने मेले में अनुशासनात्मक तरीके से आयोजित करने के लिए स्वयंसेवकों को उपयुक्त प्रशिक्षण देने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने गुवाहाटी नगर निगम को गुवाहाटी के पार्क, फ्लाईओवर में लाइटिंग के इंतजाम के साथ ही सौंदर्यवर्द्धन करने को कहा।
मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कहा कि अंबुबाची मेला सिर्फ राज्य के लिए ही नहीं, देश-विदेश के लिए भी एक महत्वपूर्ण मेला बन चुका है। धर्मीय पर्यटक गहरी आस्था और विश्वास के साथ यहां आते हैं। इसलिए उन्हें कोई दिक्कत न हो, यह सुनिश्चित करने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस मेले को अन्य बड़े मेलों की तरह प्रतियोगी मानसिकता के साथ आयोजित करना पड़ेगा, ताकि विश्व के अन्य प्रांतों में इस मेले का महत्व अधिक बढ़े।
मुख्यमंत्री ने राज्य के अंतर्देशीय जल परिवहन विभाग को निर्देश दिया कि ब्रह्मपुत्र के सौंदर्य का आनंद धर्मीय पर्यटक उठा पाएं, इसके लिए कदम उठाएं। मुख्यमंत्री ने कामाख्या के आसपास की जनता को आस्था में लेकर मेला आयोजित करने पर बल दिया। इसके लिए कामरूप (मेट्रो) के उपायुक्त को स्थानीय लोगों के साथ विचार-विमर्श करने को कहा। मुख्यमंत्री सोनोवाल ने आगे कहा कि यहां आने वाले पर्यटक वापस लौटते वक्त एक अच्छी स्मृति ले जा सके, यह सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों को जरूरी कदम उठाने चाहिए।
समीक्षा बैठक में राज्य के पर्यटन मंत्री चंदन ब्रह्म, असम पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष जयंत मल्ल बरुवा, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव राजेश प्रसाद, गुवाहाटी महानगर पुलिस आयुक्त दीपक कुमार, कामरूप मेट्रो के उपायुक्त विश्वजीत पेगु, दलै समाज समेत अन्य विभागों के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।