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चीनी मील को घाटे से उबारने के लिए करेंगे कवायद

locationगुडगाँवPublished: Nov 19, 2019 06:35:21 pm

Submitted by:

Devkumar Singodiya

प्रदेश की शुगर मिलों में गन्ने की पिराई शुरू होने जा रही है। कैथल, जींद और सोनीपत शुगर मिल में पूजा-अर्चना कर शुरूआत की जाएगी। इसी तरह से 25 को गोहाना और 26 नवंबर को शाहबाद शुगर मिल में गन्ना पिराई शुरू होगी।

चंडीगढ़. हरियाणा में घाटे में चल रही शुगर मिलों तथा किसानों का विवाद सुलझाने के लिए सरकार सतर्क हो गई है। प्रदेश के सहकारिता मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इस संबंध में रिपोर्ट मांग ली है। हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ.बनवारी लाल ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर चीनी मिलों की वर्तमान स्थिति के बारे में समीक्षा की।
विभागीय अधिकारियों की पहली बैठक में उन्होंने संकेत दिए कि विभाग में सुधार भी होगा और नुकसान से भी निपटा जाएगा। सीधे तौर पर किसानों से जुड़े इस विभाग में सबसे अधिक समस्या गन्ना उत्पादक किसानों के सामने आती है। प्रदेश की शुगर मिलों में गन्ने की पिराई शुरू होने जा रही है। कल कैथल, जींद और सोनीपत शुगर मिल में पूजा-अर्चना कर शुरूआत होगी। इसी तरह से 25 को गोहाना और 26 नवंबर को शाहबाद शुगर मिल में गन्ना पिराई शुरू होगी।

हरियाणा में गन्ने की सबसे अधिक कीमत

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शुगर मिलों में घाटे से जुड़े सवाल पर कैबिनेट मंत्री ने कहा, हरियाणा, देश का अकेला ऐसा राज्य है, जहां गन्ने की सबसे अधिक कीमत दी जा रही है। उन्होंने कहा कि गन्ना कीमत और पिराई पर आने वाले खर्चे के मुकाबले चीनी के दाम कम हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह शुगर मिलों को लाभ में लाने के लिए आय के नए स्रोत बनाएं। साथ ही, ऐसी कार्ययोजना तैयार की जाए कि किसानों का भुगतान भी समय पर हो और घाटा भी दूर हो।


घाटे में चल रहे हैं सहकारी बैंक

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हरियाणा में चीनी मिलों की तरह सहकारी बैंक भी घाटे में चल रहे हैं। को-ऑपरेटिव बैंकों में हालात यह हैं कि कई बैंक तो पूरी तरह से कंगाल हो चुके हैं। बैंकों के बंद होने की नौबत आ चुकी है। जिसके चलते सहकारिता मंत्री ने बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह एकमुश्त कर्जा माफी योजना के बारे में किसानों को जागरूक करें। सरकार ने सहकारी बैंकों के कर्जदार किसानों की ब्याज और जुर्माना राशि माफ करने का ऐलान किया है।
इस योजना के तहत अभी तक करीब 300 करोड़ रुपये की रिकवरी बैंकों में हुई है। योजना 30 नवंबर तक के लिये हैं। इसके तहत किसानों को ब्याज और जुर्माना माफी के तौर पर ही करीब 5 हजार करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।

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