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गुडगाँव

स्टाफ की कमी से गुरुग्राम, नूंह में अवैध खनन पर अंकुश लगाना मुश्किल

गुरुग्राम और नूंह का खान एवं भूविज्ञान विभाग कर्मचारियों और बुनियादी ढांचे की भारी कमी से जूझ रहा है, जिससे संबंधित अधिकारियों के लिए दोनों जिलों में अवैध खनन पर अंकुश लगाना मुश्किल हो गया है।

गुडगाँवFeb 05, 2024 / 06:09 pm

Satish Sharma

स्टाफ की कमी से गुरुग्राम, नूंह में अवैध खनन पर अंकुश लगाना मुश्किल

स्टाफ की कमी से गुरुग्राम, नूंह में अवैध खनन पर अंकुश लगाना मुश्किल

गुरुग्राम और नूंह का खान एवं भूविज्ञान विभाग कर्मचारियों और बुनियादी ढांचे की भारी कमी से जूझ रहा है, जिससे संबंधित अधिकारियों के लिए दोनों जिलों में अवैध खनन पर अंकुश लगाना मुश्किल हो गया है। विभाग के सूत्रों ने कहा कि उनके पास सरकारी वाहनों सहित पर्याप्त बुनियादी ढांचा नहीं था, जिसके चलते उन्हें गश्त के लिए या तो निजी वाहनों या अन्य पर निर्भर रहना पड़ता था।
वाहनों की कमी
विभाग के एक कर्मचारी ने कहा, वाहनों की कमी के कारण कभी-कभी हम अवैध खनन के बारे में प्राप्त शिकायतों को सत्यापित करने में विफल रहे हैं। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अवैध खनन रोकने के लिए गुरुग्राम में केवल एक इंस्पेक्टर और पांच माइनिंग गार्ड तैनात हैं और नूंह में केवल एक माइनिंग गार्ड है। गुरुग्राम के खनन अधिकारी अनिल अटवाल ने एजेंसी को बताया, हरियाणा में इंस्पेक्टरों की भारी कमी है। हमने दो सप्ताह पहले ही 10 खनन गार्डों की सिफारिश सरकार को भेज दी है। अपर्याप्त कर्मचारियों के कारण, अवैध खनन की जांच करना मौजूदा कर्मचारियों के लिए एक मुश्किल काम बन गया है। हम पर अत्यधिक बोझ है।
दो जिले एक ही अधिकारी के भरोसे
दोनों जिले फिलहाल एक ही खनन पदाधिकारी के भरोसे हैं। नूंह में कोई खनन अधिकारी नहीं है जबकि इसके प्रशासन की जिम्मेदारी गुरुग्राम खनन विभाग के पास है। दोनों जिले अवैध खनन के प्रति हमेशा संवेदनशील रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में दक्षिण हरियाणा के तीन जिलों गुडग़ांव, नूंह और फरीदाबाद में खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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