scriptगोपाल कांडा के साथ हाथ मिलाने को तैयार दुष्यंत चौटाला,दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक ने शुरू की नई चर्चाएं | dushyant chautala ready to make alliance with gopal kanda | Patrika News

गोपाल कांडा के साथ हाथ मिलाने को तैयार दुष्यंत चौटाला,दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक ने शुरू की नई चर्चाएं

locationगुडगाँवPublished: Dec 28, 2018 06:31:28 pm

Submitted by:

Prateek

गोपाल कांडा ओपी चौटाला व अजय चौटाला के सहयोग से राजनीति में आए थे…

dushyant chautala

dushyant chautala

(गुरूग्राम): जननायक जनता पार्टी के सुप्रीमों एवं सांसद दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा के साथ मुलाकात करके नए राजनीतिक समीकरणों को जन्म दे दिया है। दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक गठबंधन की बिसात तैयार हो चुकी है जिसे आने वाले दिनों में अमली रूप दिया जा सकता है। अगर यह गठबंधन अथवा विलय सिरे चढ़ जाता है तो सिरसा लोकसभा क्षेत्र में नए राजनीतिक समीकरण पैदा होंगे। जिसका सीधा असर अभय सिंह चौटाला के नेतृत्व वाली इनेलो पर होगा।


गोपाल कांडा ने वर्ष 2009 में निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ते हुए इनेलो के पदम जैन को हराया था। इसके बाद कांडा ने तत्कालीन हुड्डा सरकार को समर्थन दे दिया और उन्हें गृहराज्य मंत्री बना दिया गया। इसके बाद गोपाल कांडा एयर होस्टेस गीतिका शर्मा कांड में फंस गए। जेल से बाहर आते ही गोपाल कांडा ने हुड्डा सरकार से समर्थन वापस ले लिया और हरियाणा लोकहित पार्टी के नाम से अपने राजनीतिक दल का गठन कर दिया। गोपाल कांडा ने वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की 82 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे। हालांकि उनका कोई भी प्रत्याशी ज्यादा वोट नहीं ले सका लेकिन गोपाल कांडा व उनके भाई गोबिंद कांडा सिरसा व रानियां से बेहद कम मतों के अंतर से चुनाव हारे थे। चुनाव हारने के बाद गोपाल कांडा हरियाणा की राजनीति में अधिक सक्रिय नहीं रहे अलबत्ता उन्होंने सिरसा नगर पालिका में अपने कई पार्षदों को चुनाव जितवाया।


अब ताजा राजनीतिक समीकरणों के बीच गोपाल कांडा व इनेलो से बाहर होकर जननायक जनता पार्टी का गठन करने वाले दुष्यंत चौटाला के हुई बैठक चर्चा का विषय बनी हुई है। बीती रात यह बैठक गुरुग्राम स्थित गोपाल कांडा के कार्यालय में हुई है। पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल के बुजुर्ग भी चौटाला गांव के हैं। गोपाल कांडा को राजनीति में लाने का श्रेय ओम प्रकाश चौटाला व अजय चौटाला को ही जाता है। दोनो नेताओं के बीच करीब दो घंटे चली बैठक पूरी तरह से राजनीतिक थी। अगर यह बैठक विलय अथवा गठबंधन का रूप लेती है तो आने वाले दिनों में सिरसा लोकसभा क्षेत्र में अभय चौटाला की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।


सिरसा की राजनीति में क्या होगा असर

पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के गृह जिला सिरसा में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। जिनमें डबवाली से नैना चौटाला, कालावाली( सुरक्षित) सीट से अकाली दल के बलकौर सिंह, रानियां से इनेलो के रामचन्द्र कंबोज, सिरसा से इनेलो के मक्खन लाल सिंगला और ऐलानाबाद से स्वयं अभय सिंह चौटाला विधायक है। पिछले चुनाव में गोपाल कांडा ने अपनी पार्टी के बैनर तले सिरसा से चुनाव लड़ा और करीब 43 हजार वोट हासिल किए लेकिन वह 2000 वोट से हार गए। इसी तरह गोबिंद कांडा ने रानिया ने चुनाव लड़ा और करीब 42000 वोट लिए लेकिन वह 2500 वोट से चुनाव हार गए। कालांवाली से हलोपा प्रत्याशी ने पिछले चुनाव में करीब 15000 वोट हासिल किए थे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो