बाजवा ने मोदी को लिखा गया यह पत्र मंगलवार को यहां पत्रकारों को जारी किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही संवेदनशील मुद्या है। भारतीयों और पंजाबियों की भावनाएं इससे जुडी हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ब्रिटिश सरकार के समक्ष यह मुद्या उठाकर स्मारक तोडने वालों के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिलाना चाहिए।
बाजवा ने कहा कि प्रथम विश्वयुद्ध में 74 हजार भारतीयों ने शहादत दी थी। इनमें नब्बे फीसदी पंजाबी थे। इन शहीदों का स्मारक पिछले चार नवम्बर को खोला गया और नौ नवम्बर को ही उसे तोड दिया गया। पत्रकारों के सवालों पर बाजवा ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले चुनावी वायदों पर चुनाव आयोग को नजर रखना चाहिए और यह देखा जाना चाहिए कि क्या चुनावी वायदे पूरे किए जा सकते हैं। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में सिख इतिहास को तोडने-मरोडने के मुद्ये पर बाजवा ने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष को पाठ्यक्रम पर नजर रखना चाहिए।
पंजाब में पाठ्यक्रम को लेकर जो चूक हुई, वह समय रहते निगरानी से रोकी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने इस मामले में बोर्ड चेयरमेंन को फटकार लगाई है। तकनीकी शिक्षा मंत्री पर महिला आईएएस को अनुपयुक्त संदेश भेजने के कथित मामले में बाजवा ने कहा कि इस मामले में वे कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि कोई शिकायतकर्ता नहीं है।