scriptस्कूल और आंगनबाड़ी में जल संकट | Water crisis in school and Anganwadi | Patrika News

स्कूल और आंगनबाड़ी में जल संकट

locationगुनाPublished: Feb 08, 2019 07:38:23 pm

Submitted by:

brajesh tiwari

सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल प्रांगण में लगा एक मात्र हैंडपंप व ट्यूबवैल फरवरी माह के शुरू होने से पहले साथ छोड़ चुका है। मजबूरी में छोटे छोटे बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्टेट हाइवे पार कर जाना पड़ रहा है। इसके अलावा स्कूल प्रांगण में ही दो आंगनबाड़ी केंद्र स्थित हैं

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सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल प्रांगण में लगा एक मात्र हैंडपंप व ट्यूबवैल फरवरी माह के शुरू होने से पहले साथ छोड़ चुका है।

गुना/झागर . अभी फरवरी माह की शुरूआत ही हुई है और इससे पहले ही जल संकट की आहट सुनाई देने लगी है। यह जानकर लोग इसलिए ज्यादा चिंतित हैं क्योंकि अभी तो गर्मी का सीजन भी बहुत दूर है। ऐसे में यदि अभी से ट्यूबवैल व हैंडपंप दम तोडऩे लगेंगे तो आगे जाकर क्या होगा। जानकारी के मुताबिक जल संकट की पहली आहट गुना जिले की बमोरी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत झागर से सामने आई है। यहां के सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल प्रांगण में लगा एक मात्र हैंडपंप व ट्यूबवैल फरवरी माह के शुरू होने से पहले साथ छोड़ चुका है। मजबूरी में छोटे छोटे बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्टेट हाइवे पार कर जाना पड़ रहा है। इसके अलावा स्कूल प्रांगण में ही दो आंगनबाड़ी केंद्र स्थित हैं। यहां आने वाले बच्चों को भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल के शिक्षक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कहना है कि वे पहले ही संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को जल स्तर खिसकने की जानकारी दे चुके हैं। यही नहीं स्थानीय ग्रामीण तो क्षेत्र के विधायक को भी इस समस्या से अवगत करा चुके हैं लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है। शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि यह स्कूल दो शिफ्टों में लगता है। पहली शिफ्ट में कक्षा 9 से 12 तक जबकि दूसरी शिफ्ट दोपहर 1 बजे से 5 बजे तक लगती है, जिसमें कक्षा 1 से 8 तक के बच्चें पढ़ते हैं। दोनों शिफ्टों में पढऩे वाले बच्चों की कुल संख्या करीब 1300 है जबकि स्टाफ की संख्या 25 के करीब है। इसके अलावा स्कूल प्रांगण में स्थित दो आंगनबाड़ी केंद्रों में दर्ज बच्चों की संख्या 250 के करीब है। इस तरह पेयजल संकट का सामना 1550 बच्चे तथा 25 शिक्षकों को करना पड़ रहा है।
स्टेट हाइवे पार करते समय हादसे का डर
ग्राम पंचायत झागर से होकर स्टेट हाइवे गुजरा है। सड़क के एक ओर सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र स्थित हैं। यहां आने वाले सैकड़ों बच्चों को मजबूरी में जान जोखिम में डालकर स्टेट हाइवे पार करना पड़ रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले भी कई बार हाइवे पार करने के दौरान बच्चे दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। इसलिए इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके बाद भी जिम्मेदार यहां ध्यान नहीं दे रहे।
इनका कहना है
स्कूल प्रांगण में लगा हैंडपंप एक माह पहले ही साथ छोड़ चुका है जबकि ट्यूववैल का जल स्तर बीते 5 दिन पहले ही नीचे गया है। पूरे मामले से आला अधिकारियों को अवगत करा दिया है।
विष्णु पाल, शिक्षक

फरवरी माह की शुरूआत में ही जल स्तर का नीचे जाना गंभीर चिंता का विषय है। स्कूल में एक हजार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। मिडिल स्कूल में एमडीएम व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। मजबूरी में बच्चे स्टेट हाइवे पार कर पानी पीने जा रहे हैं।
राधेश्याम श्रीवास्तव, शिक्षक

दो आंगनबाडिय़ों में करीब 250 बच्चे दर्ज हैं। आंगनबाड़ी पर ज्यादातर बच्चे खाना खाने ही आते हंै। ऐसे में पीने का पानी की व्यवस्था जरूरी है।
निर्मला किरार, आंगनबाड़ी वर्कर

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