अस्पताल में दिनों दिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। बीमारी के मौसम में एक दिन की ओपीडी डेढ़ हजार मरीजों की होती है। इस वजह से अस्पताल की व्यवस्थाएं गड़बड़ा जाती हैं। 400 बिस्तर की क्षमता वाले इस अस्पताल में मरीजों को कई बार बिना इलाज के प्राइवेट नर्सिंग होम की शरण लेनी पड़ जाती है, लेकिन अब तक अस्पताल में खाली पड़े पदों को भरने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। मरीजों का लोड अधिक होने से नए डाक्टर भी अस्पताल में आने से कतराते हैं। पूर्व में कई डाक्टर लोड की वजह से ही कुछ समय बाद यहां से चले गए।
इसी महीने 21-22 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग के संचालक गुना आएंगे। वे स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण करेंगे और उनसे गुना जिला अस्पताल के लिए 6 डाक्टर मिलने की उम्मीद है। इसी बीच कांग्रेस नेता एवं गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी रहेंगे। गुना में बैठक होगी। इस बैठक में जिले में डाक्टरों की कमी को पूरा करने पर भी विचार होगा। दरअसल, जिला अस्पताल प्रबंधन ने कुछ पुराने डाक्टरों और कुछ नए डाक्टरों से संपर्क किया है। जो डाक्टर वीआरएस लेकर गए हैं, उनको फिर से अस्पताल में बुलाने और कुछ नए डाक्टरों को अस्पताल में संविदा पर भर्ती करने पर भी विचार चल रहा है। इसके लिए करीब आधा दर्जन से अधिक डाक्टरों से संपर्क किया है। इसमें कई डाक्टरों ने आने का आश्वासन दिया है तो कुछ ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया। वर्तमान में जिला अस्पताल में ही 72 डाक्टरों की जरूरत है, लेकिन यहां पर केवल 50 प्रतिशत पदों पर ही डाक्टर हैं। इस वजह से मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। नर्सिंग के भी कई पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। जिनको भरने की कोई कोशिश नहीं की गई है।