परिजनों का कहना है कि अगर समय पर सूरज को इलाज मिल जाता तो शायद आज वो जिंदा होता। जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण सूरज का इलाज ढ़ग से नहीं हो पाया। जिस कारण उसकी मौत हो गई।
जेलर को नहीं थी जानकारी
जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूरज पुत्र श्याम रघुवंशी एड्स का मरीज था, और उसका इलाज शिवपुरी में चल रहा था। इस संबंध में जेलर सिंह का कहना है कि मैं बाहर हूं और सूरज काफी दिनों से एड्स का मरीज था। हो सकता है उसी कारण उसकी मौत हुई हो। सूरज के शव को अस्पताल लाया गया। उसका पीएम कराने की तैयारी की जा रही है।
पीएम मेडिकल कॉलेज में कराए जाने की मांग
रघुवंशी समाज के प्रमुख लोगों ने अस्पताल जाकर सूरज रघुवंशी के मामले में उसका पीएम मेडिकल कॉलेज में कराए जाने की मांग की है। दिनेश सिंह रघुवंशी ने बताया कि हमने सूरज पुत्र श्याम सिंह रघुवंशी की जेल में मौत के मामले में जेल के डॉक्टर को टीम में शामिल ना करने का अनुरोध किया, तो हमारे साथ अभद्र व्यवहार किया गया। साथ ही हमें आशंका है कि सूरज के मामले में सही रिपोर्ट गुना के डॉक्टर नहीं देंगे। इस कारण सूरज रघुवंशी का पीएम किसी भी मेडिकल कॉलेज की टीम से कराया जाएं। इस संबंध में दिनेश रघुवंशी ने एक आवेदन भी दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक सूरज रघुवंशी चोरी के मामले में गुना जिला जेल में सजा काट रहा था। बताया जा रहा है कि कैदी एड्स की बीमारी से परेशान था। कैदी का इलाज काफी दिनों से चल रहा था। मौत की खबर उस समय लगी जब सुबह सिपाही ने कैदी के बैरक में झांक कर देखा तो वह बेहोशी की हालत में था।
प्रदेश कई जिलों में कैदी के इलाज के लिए प्राथमिक व्यवस्था नहीं है। हालत ये है कि कुछ जेल में चिकित्सा की व्यवस्था होने के बाद भी वहीं पर कैदी की देखरेख नहीं हो पाती। कई ऐसे हालात में कैदी की रास्ते में मौत हो जाती है। प्रदेश के जेलों में कैदी ही हो रही मौत के पीछे सबसे बड़ा कारण कैदियों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता इसके पहले राजधानी भोपाल में भी कैदी की मौत हुई थी। जिसमें भी जेल प्रशासन की लापरवाही सामने आयी थी।