जांच के बचने का नया तरीका सूत्रों ने बताया कि जैसे ही वेयर हाउस के एक-दो अधिकारी और सिंगवासा कै प के प्रभारी महेन्द्र रघुवंशी को पता लगा कि जांच करने टीम आज आ रही है तो उन्होंने सुबह से ही वहां रखे गेहूं में कीड़ा न लगे, इसके लिए वहां दवाई डालना शुरू कर दिया। वहीं यह कहकर गिनती कराने को टालते रहे कि बारिश हो गई तो गेहूं गीला हो जाएगा। दो हजार क्विंटल गेहूं का घोटाला पकड़ा न जाए इसके लिए वहां कुछ बोरे गेहूं के अलग रखे हुए मिले, जिन पर टैग नहीं था। इसके साथ ही आग से बचाव के लिए फायर सिलेण्डर भी रखे मिले। लगभग 11 चबूतरों पर रखे माल की गिनती तिरपाल खुलवाकर करवाना शुरू किया, जो देर शाम तक चलता रहा।
ये है पूरा मामला
वेयर हाउस में सिंगवासा पर एक कैंप बना हुआ है। यहां रखे गए 3 लाख क्विंटल गेहूं की जि मेदारी वेयर हाउस की ओर से महेन्द्र सिंह रघुवंशी को दी गई है। यहां से हो रही गेहूं की चोरी के चलते दो हजार क्विंटल गेहूं गायब हो चुका है। जिसका मिलान करने वेयर हाउस से जुड़े अधिकारियों की एक टीम गई तो उसे वह गेहूं गायब मिला, इससे कुछ अधिकारी व कर्मचारियों के हाथ-पैर फूल गए।
25 लाख रुपए के गेहूं ठिकाने लगाए
बताया गया कि दो हजार क्विंटल गेहूं के गायब होने के मामले को निपटाने की रणनीति बनी, इसमें कुछ अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए, लेकिन जब तक यह मामला रफा-दफा होता कि इसी बीच इसकी शिकायत आदर्श पल्लेदार सहकारी समिति की ओर से प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को भेजी गई। उन्होंने यहंा से गायब हुए दो हजार क्विंटल गेहूं की जांच कराने की मांग की थी। महेन्द्र सिंह रघुवंशी पर पूर्व में भी अवैध तरीके से 25 लाख रुपए के गेहूं ठिकाने लगाने का मामला चल रहा है, जिसमें उनके वेतन से पैसा भी काटा जा रहा है।