उसकी वजह ये है कि जो शिक्षक कार्यरत थे, वे स्वर्गवासी हो गए, फिर भी उनकी पोस्टिंग वही दिखाई जा रही है। इस वजह से स्कूल शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षक के पद खाली नहीं ( MP AJAB GAJAB ) दिख रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि पोर्टल और वरिष्ठ अफसरों की गलती से जहां एक ओर शैक्षणिक सत्र प्रभावित हो रहा है वहीं दूसरी ओर अतिथि शिक्षक नहीं बन पा रहे हैं।
शिक्षक हो चुके दिवंगत, फिर भी नाम कर रहा काम
सूत्रों ने बताया कि बीते दिवस विभाग द्वारा अतिशेष शिक्षकों के नाम देखने के लिए जारी लिंक में भी भारी गड़बड़ दिख रही है, जिसमें सेवानिवृत्त शिक्षक अशोक तिवारी, शशि जैन, ज्योत्सना वर्मा जैसे सैकड़ों नाम दिख रहे हैं, ऐसे भृत्य कृष्ण रैकवार को सहायक शिक्षक बताया जा रहा है, एक शिक्षक भगवान लाल उरैया तथा शारदा पारोची तो स्वर्गवासी ( MP AJAB GAJAB ) हो गए उनको भी कार्यरत बताया जा रहा है।
शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 3 शिवाजी नगर के शिक्षक सतीश शर्मा और गीता नैय्यर गणित के शिक्षक हैं लेकिन उनको सामाजिक विज्ञान का बताया जा रहा है। शिक्षिका इन्द्राणी नायक हिन्दी की शिक्षिका को भी सामान्य विज्ञान में ही बताया जा रहा है।
पुरानी छावनी स्कूल के तीन विज्ञान शिक्षकों को भी सामाजिक विज्ञान तथा संस्था प्रभारी एसएस परिहार के नाम के आगे सामान्य विज्ञान के स्थान पर विज्ञान दर्शाया ( MP AJAB GAJAB ) जा रहा है। माध्यमिक विद्यालय नानाखेड़ी के तीन सेवानिवृत्त शिक्षक तथा कन्या माध्यमिक विद्यालय अनुराधा गली की राधा शर्मा को भी कार्यरत ( MP AJAB GAJAB ) दिखाया जा रहा है।
क्या कहते हैं शिक्षक
शिक्षकों ने कहा, पोर्टल की वजह से शिक्षक की आवश्यकता होते हुए भी अतिशेष हो गया है, नीतियों को लेकर भी विसंगति है।
युक्ति -युक्त करण नीति में भी निर्देश है कि अतिशेष शिक्षकों को स्वेक्षिक स्थानांतरण का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए किन्तु अभी तक अतिशेष शिक्षको की सूची ( sarkari job ) ही जारी नही की गई, 12 जुलाई के बाद शिक्षक ट्रांसफर के लिए आवेदन कैसे कर सकेंगे। वहीं बेरोजगारों को खाली पद पद पर शिक्षकों के आ जाने से नौकरी छोड़कर जाना होगा।
पोर्टल पर गलत जानकारी फीड हो जाने से बीते रोज अतिथि शिक्षक ( atithi shikshak ) के आवेदन की अंतिम तिथि होने से प्रदेश के लाखों बेरोजगार अतिथि शिक्षक ( Atithi shikshak ) की चाह में बरसते पानी में कई स्कूलों के चक्कर काटते रहे , पर स्कूलो में रिक्त स्थान न होने के कारण संस्था प्रमुख ने आवेदन नहीं लिए।