इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव में आने-जाने के लिए सड़क भी कच्ची है, जिसकी वजह से बारिश के दौरान उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण रमेश भील, सूरसिंह, शंकर, शिवलाल, पान सिंह, कैलाश, गुमान सिंह, स्वरूप भील, रामवीर आदि ने बताया कि इन समस्याओं के लिए वह जनप्रतिनिधियों से मिल चुके हैं लेकिन निराकरण नहीं हो सका।
पीएम आवास योजना में जोड़ा जाए नाम
ग्राम पंचायत साबरीनाथ के कई ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने की मांग की। ग्राम पंचायत साबरीनाथ के ग्राम सुआखेड़ी के ग्रामीण बाबूलाल बंजारा, भैयालाल सिंह, रमेश, नारायण, प्रकाश, गोरेलाल, रघुनाथ, मुकेश, कैलाश, बबलू, मोती, विजय हेमा आदि ने आरोप लगाया कि ग्राम रोजगार सहायक गांव में बिना रिश्वत लेकर कोई काम नहीं करती हैं। भ्रष्टाचार के संबंध में लगातार जनपद पंचायत के अधिकारियों-कर्मचारियों को अवगत करा जा चुका है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में भ्रष्टाचार किया गया है। पात्रों की बजाए अन्य लोगों के नाम जोड़े गए। जबकि कई पात्र रह गए। इसी तरह जिले की बमौरी, चांचौड़ा और आरोन विकासखंड से भी ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलने की शिकायतें लेकर पहुंची। जनसुनवाई में शिकायतों की सुनवाई जिला पंचायत सीईओ नीतू माथुर ने की। उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों को शिकायतों के जल्द से जल्द निराकरण के निर्देश जारी किए।
राघौगढ़ ब्लॉक के ग्राम चांदनभेंट निवासी ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत साबरीनाथ के पूर्व पंचायत सचिव लक्ष्मण अहिरवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से एफआईआर के आदेश करने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2005-2010 तक मोरबाई अहिरवार के अशिक्षित होने का लाभ उठाते पूर्व पंचायत सचिव लक्ष्मण अहिरवार ने रोजगार गारंटी योजना, बीआरजीएफ, शौचालय योजना, इंदिरा आवास योजना में फजीबाड़ा किया। इन घोटालों की शिकायत शासन-प्रशासन से की गई थी, तब उपरोक्त पंचायत सचिव के खिलाफ प्रशासनिक जांच की गई की गई।
जिसमें करीब 25 लाख रुपए का घोटाला भी उजागर हुआ था। लेकिन जालसाज ग्राम पंचायत के सचिव के खिलाफ मामले में केवल निलंबन की कार्रवाई ही हुई।