किश्त जमा करना किया बंद…
यूनियन बैंक शाखा गुना के विनोद शर्मा ने बताया कि बताया कि साल 2015 में प्रभु मांझी ने पुंगा निर्माण के लिए यूनियन बैंक से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत ऋण लिया था। कुछ समय तक तो किश्ते जमा की, इसके बाद किश्त जमा करना बंद कर दिया। अब उनके ऊपर बैंक का 22 लाख रुपए मूलधन और ब्याज निकल रहा है। जो वे जमा करने को तैयार नहीं है।
मशीनरी को भी बेच दिया…
इसी कारण से उनके घर को सील करने की कार्रवाई की गई है। कार्रवाई के दौरान बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय ग्वालियर से आए प्राधिकृत अधिकारी आरके लाल भी मौजूद रहे। बताया गया है कि प्रभु ने मशीनरी को भी बेच दिया है।
नहीं चल सका धंधा…
प्रभु मांझी के भाई गजानंद मांझी ने बताया कि प्रभु ने बैंक में 7 लाख रुपए की एफडी की थी। इसके बाद दिसंबर 2017 तक की किश्तें भी जमा की हैं। लेकिन फिर धंधा न चलने के कारण किश्त जमा नहीं कर सके। बैंक जितना पैसा बता रहा है, उतना नहीं है। 8-10 के करीब बकाया होगा, जो वे जमा करने को तैयार हैं। इस संबंध में चर्चा की जा रही है।
छह महीने पहले आया था नोटिस…
गजानंद ने बताया कि बैंक से करीब छह माह पहले नोटिस भेजा गया था। उसके बाद से उनके पास बैंक से कोई नोटिस नहीं आया। गुरूवार को अचानक आकर कार्रवाई करते हुए परिवार को घर से बाहर कर दिया। जिसके कारण काफी परेशानी उठानी पड़ी। बैंक और प्रशासन की यह कार्रवाई देर शाम तक चलती रही।