भ्रमण के दौरान उन्होंने किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा गठित किए गए केन्द्रीय दल ने प्रदेश में आकर यहां पर हुई अतिवृष्टि से जो फसलोंं को नुकसान पहुंचा है, उसका अवलोकन कर सर्वे रिपोर्ट के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट केन्द्र सरकार को प्रस्तुत की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले के 1376 गांवों में से 1238 ग्रामों की अतिवृष्टि से फसलेंं प्रभावित हुई हैं। इस प्रकार लगभग जिले का प्रत्येक ग्राम अर्थात 95 से 98 प्रतिशत ग्राम प्रभावित हैं।
रबी फसल के लिए कोई भी इंतजाम नही
केंद्रीय दल ने ग्राम रिजौदा में पप्पू यादव के खेत में पहुंचकर नष्ट हुई फसल की स्थिति का जायजा लिया। कृषक पप्पू यादव ने बताया कि उसने जो सोयाबीन बोया था वह अतिवर्षा से पूरी तरह नष्ट हो गया है। अब उसके पास आगामी रबी फसल के लिए खाद्य एवं बीज लेने के लिए भी कोई भी इंतजाम नही है। किसानों ने बताया कि बोई गई सोयाबीन एवं उड़द फसल अतिवर्षा के कारण पूरी तरह नष्ट हो गई है।
पूरी फसल बेकार हो गई
रबी फसल के लिए खाद, बीज सोसायटी से उपलब्ध हो जाए तो अगली फसल की तैयारी कर सकते हैं। इसी प्रकार ग्राम के किसानों ने जांच दल को बताया कि अत्याधिक वर्षा होने के कारण सोयाबीन में फली आने के बाद झड़ गई और पौधे खेत में ही गल गए। जिससे पूरी फसल बेकार हो गई।
जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक निर्देश दिए
जांच दल ने किसानों के बीमा के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने फसल क्रॉप कटिंग के बारे मे विस्तार से जानकारी ली। इस अवसर पर कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने केन्द्रीय जांच दल को अतिवृष्टि एवं बाढ़ से प्रभावित फसलों की सर्वे रिपोर्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। भ्रमण के दौरान अपर कलेक्टर राजेश बाथम, एसडीएम केएल यादव एवं इमलिया तथा बांसखेडी के कृषकगण मौजूद रहे।