मामले में एक समाचार एजेंसी ने ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम कासमी के हवाले से जानकारी दी कि अमरीका के अवैध और भड़काऊ कदम से ईरान के वैज्ञानिक विकास पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि अमरीका का यह कदम ईरान के प्रति उसकी शत्रुता प्रदर्शित करता है।
अमरीका की सरकार ने राजस्व विभाग तथा न्याय विभाग से साइबर हमले के संदिग्ध अपराधियों पर दंड लगाया था। साइबर हमले में अमरीका तथा संयुक्त राष्ट्र की समितियों, विश्वविद्यालयों तथा निजी कंपनियों से 31.5 टेराबाइट संवेदनशील जानकारी चुराई गई थी।
अमरीकी प्रशासन के अनुसार वहां के अधिकार क्षेत्र में सभी संदिग्ध अपराधियों की सभी संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है और उन पर अमरीका से व्यापार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। माबना इंस्टीट्यूट पर आईआरजीसी का सहयोग करने लिए प्रतिबंध लगाया गया है जिसने निजी फायदे के लिए उन संस्थानों की गोपनीय जानकारी चुराई थी।