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गांव के ही शख्स ने मायावती पर आरोप लगाते हुए कोर्ट में दी थी याचिका
दरअसल ग्रेटर नोएडा के संदीप भाटी ने बादलपुर में 47,433 वर्ग मीटर कृषि की जमीन का गलत तरीके से लैंड यूज चेंज करने का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी।इसके लिए उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी।उन्होंने आरोप लगाया था कि कंपनी बनाकर रोजगार के अवसर पैदा करने के नाम पर ली गर्इ। जमीन पर मायावती ने भव्य कोठी बनार्इ।वहीं कोठी मायावती ने परिवार के लोगों नाम कर ली। उधर बाकी जमीन कागजों में कंपनी के लिए अलाॅट की गर्इ थी।आरोप है कि इस जमीन पर कंपनी बनना तो दूर आज भी फसल की जा रही हैं।जबकि किसानों से यह जमीन 2002 से 2005 के बीच गांव के किसानों से अधिग्रहण की गई।
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जमीन अधिग्रहण के विरोध में हुआ था बड़ा आंदोलन
2002 से 2005 के बीच हुर्इ जमीन अधिग्रहण को लेकर 2006-07 में बादलपुर में बड़ा आंदोलन हुआ था। इसमें कांग्रेस ने भी जमकर बसपा पर हमला बोला था।उस दौरान कांग्रेसी नेता वीरेंद्र गुड्डू समेत अन्य किसानों के साथ मिलकर इस मुद्दे पर जमकर राजनीति की थी। जिसके बाद मामले में जांच भी होने की बात कही थी। हालांकि उस वक्त प्राधिकरण के कुछ अफसरों पर भी मायावती के खास होने की वजह से मामले को दबाने के आरोप लगे थे। बाद में यह सारा मामला शांत हो गया था। वहीं अब ग्यारह साल बाद इस मामले में मायावती के खिलाफ इलाहाबाद कोर्ट में याचिका दायर करने पर हार्इकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया।