यह है देवरिया शेल्टर होम कांड बिहार के मुजफ्फरनगर के बाद यूपी के देवरिया में एक बालिकागृह में पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा किया था। पुलिस कप्तान रोहन पी.कनय के अनुसार मान्यता रद होने के बाद बालिका गृह का संचालन हो रहा था। मां विंध्यवासिनी महिला शिक्षण प्रशिक्षण व समाज सेवा संस्थान द्वारा देवरिया में बाल गृह बालिका, बाल गृह शिशु सहित कई गतिविधियां संचालित की जा रही थी। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संस्था की मान्यता रद कर दी थी। इस संस्था से भाग कर बेतिया बिहार की रहने वाली एक बच्ची प्रताड़ना से तंग आकर किसी तरह भाग कर महिला थाने पहुंची। उसने अपनी आपबीती पुलिस को सुनाई। महिला थाने से एसपी को जानकारी दी गई। एसपी ने तत्काल कार्रवाई को निर्देश दिया। देर रात में ही फोर्स के साथ बालिका गृह में छापेमारी हुई। इस छापेमारी में 24 बच्चियों व महिलाओं को मुक्त कराया गया। एसपी रोहित पी कनय ने बताया कि बच्चियों की उम्र 15 से 18 साल है। इन्होंने बातचीत में बताया कि इनसे गलत कृत्य कराया जा रहा है। रिकॉर्ड के अनुसार 18 बच्चियां गायब थीं। इस प्रकरण में इस गृह की अधिक्षिका कंचनलता, संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, मोहन किशोर त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया था। बच्चियों ने मीडिया में बताया था कि दीदी लोगों को लेने के लिए रात में कार आती थी। जब वह लोग वापस आती थी बहुत रोते हुए आती, पूछने पर कुछ नहीं कहती। बच्चियों ने बताया कि उनसे बहुत काम लिया जाता था, पोछा भी लगाया जाता था। नहीं करने पर मारा पीटा जाता था।
मामला सुर्खियों में आने के बाद सरकार ने दो अधिकारियों पर कार्रवाई कर लीपापोती शुरू कर दी। हालांकि, हाईकोर्ट की सख्ती के बाद जांच में तेजी आई।
मामला सुर्खियों में आने के बाद सरकार ने दो अधिकारियों पर कार्रवाई कर लीपापोती शुरू कर दी। हालांकि, हाईकोर्ट की सख्ती के बाद जांच में तेजी आई।