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मुख्यमंत्री के जिले में सवा सौ टीबी रोगी मिले, सबसे अधिक कैम्पिरगंज में

locationगोरखपुरPublished: Jan 18, 2019 12:50:35 am

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स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल, मरीजों को खरीदनी पड़ रही बाहर से दवायें

मुख्यमंत्री के जिले में सवा सौ नए टीबी रोगी मिले हैं। दस दिनों तक चले अभियान में यह आंकड़ा सामने आया है। सबसे अधिक रोगी कैम्पियरगंज ब्लॉक में मिले हैं।

जिले में 7 जनवरी से 17 जनवरी तक टीबी रोगी खोजो अभियान चलाया गया था। स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध 16 जनवरी तक की रिपोर्ट के अनुसार कुल 2,514 लोगों के सैंपल लिये गये थे, जिनमें 123 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुयी है। कैम्पियरगंज में 109 लोगों की जांच की गयी जिनमें 17 लोगों में टीबी की बीमारी निकली। जनपद में सर्वाधिक टीबी रोगी कैम्पियरगंज में ही मिले हैं। बांसगांव में 201 मरीजों की जांच हुयी जिनमें 9, जबकि ऊरवा में 164 मरीजों की जांच की गयी जिनमें 8 मरीज टीबी से ग्रसित पाये गये।
सक्रिय टीबी रोगी खोजो अभियान के पहले चरण की शुरूआत 26 दिसम्बर 2017 को हुई थी। फरवरी 2018 में दूसरा चरण, जून 2018 में तीसरा चरण, सितम्बर 2018 में चौथा चरण जबकि इस साल का यह अभियान पांचवां चरण था। प्रत्येक चरण में करीब पौने पांच लाख की आबादी कवर की जाती है। झुग्गी झोपड़ियों, औद्योगिक क्षेत्र, टीबी की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों को अभियान के फोकस में रखा जाता है।
ऐसे होगा इलाज

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. रामेश्वर मिश्र ने बताया कि अभियान के तहत सवा सौ से ज्यादा मरीज चिह्नित किये जा चुके हैं। इन मरीजों का मेडिकल आफिसर ट्रीटमेंट काउंसलर के निर्देशन व ट्रीटमेंट सपोर्टर की देखरेख में इलाज किया जाएगा। पुनरीक्षित क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत इलाज के दौरान पोषण हेतु मरीजों के खाते में 500 रूपये प्रतिमाह भी भेजे जाएंगे।
टीबी यानी क्षय रोग

·प्रत्येक 10 में से 7 व्यक्ति इसके बैक्टेरिया से प्रभावित है। प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने पर इन 7 में से कोई व्यक्ति इसकी चपेट में आ सकता है।

·बच्चों में टीबी की रोकथाम के लिये उनके पैदा होने के बाद अतिशीघ्र बीसीजी का टीका लगवाना आवश्यक है।
·टीबी का एक मरीज 10-15 लोगों को इसका बैक्टेरिया बांट सकता है।

·यह बीमारी टीबी मरीज के साथ बैठने से नहीं होती बल्कि उसके खांसी, छींक, खून व बलगम के संक्रमण से होती है।
·मुंह पर रूमाल रख कर, बलगम को राख या मिट्टी से डिस्पोज करके व सही समय पर टीबी की जांच व इलाज से हम इसे मात दे सकते हैं।

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