यूपी की एक और सीट सपा ने दे दी सहयोगी दल को, इस मास्टर स्ट्रोक से बीजेपी की मुश्किलें और बढ़ेगी
गोरखपुरPublished: Feb 22, 2019 10:34:36 pm
लोकसभा मिशन 2019
अखिलेश यादव मायावती और नरेन्द्र मोदी
समाजवादी पार्टी और बसपा ने महागठबंधन करते हुए अपने अपने सीटों का बंटवारा कर लिया है। हालांकि, समाजवादी पार्टी अपने साथ आए छोटे दलों को निराश नहीं किया है। गोरखपुर में निषाद मतों के बल पर योगी के गढ़ में अप्रत्याशित जीत हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी इस बार महराजगंज की सीट भी अपने सहयोगी दल निशाद पार्टी को दे सकती है। माना जा रहा है कि यहां से निषाद दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ.संजय निषाद प्रत्याशी होंगे।
गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव जीतने के बाद सपा-बसपा-निषाद दल आदि छोटे दलों के महागठबंधन को अटूट रखने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हर स्तर पर समझदारी से निर्णय ले रहे हैं। सपा-बसपा के बीच सीटों का बंटवारा होने के बाद वह अपने हिस्से में आए सीटों को भी सहयोगी दलों को देने से परहेज नहीं कर रहे हैं।
गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ सीटों में छह सीट इस बंटवारे में बहुजन समाज पार्टी के झोली में आई है तो महज तीन सीट समाजवादी पार्टी के पास है। सूत्रों की मानें तो तीन सीटों गोरखपुर, कुशीनगर व महराजगंज संसदीय क्षेत्र में से महराजगंज संसदीय सीट को सपा अपने सहयोगी दल निषाद दल को दे सकती है। यहां से निषाद दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ.संजय निषाद प्रत्याशी हो सकते हैं। हालांकि, यह साफ नहीं हो सका है कि डाॅ.संजय निषाद अपने सिंबल पर यहां प्रत्याशी होंगे या गोरखपुर लोकसभा उप चुनाव की तरह यहां भी सपा के सिंबल पर निषाद दल अपना प्रत्याशी उतारेगा। फिलहाल, निषाद दल का खेमा महराजगंज सीट भी मिलने से काफी खुश है। उधर, राजनीतिक विश्लेषक इसे सपा का मास्टर स्ट्रोक मान रहे हैं। वजह यह कि महराजगंज लोकसभा क्षेत्र में भी मछुआरा समाज का अच्छा खासा वोट बैंक है सपा को एकतरफा मिल जाने से वहां लड़ाई काफी आसान हो जाएगी साथ ही यूपी में मछुआरा समाज का वोट एकमुश्त अगर सपा-बसपा गठबंधन को मिल जाएगा तो भाजपा की मुश्किलें भी बढ़ सकती है।