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गोरखपुर

मातृशक्ति पर समाज उत्थान और राष्ट्र निर्माण का दायित्व – कल्पना

गोरखपुर में विश्व हिंदू परिषद द्वारा मातृ शक्ति को जागरूक करने के उद्वेश्य से शनिवार से दो दिवसीय प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत हुई। इसमें मातृ शक्ति को आने वाली विषमताओं से स्वयं को तैयार कर आने वाली पीढ़ियों का कुशल मार्गदर्शन किया जाए।

गोरखपुरMay 04, 2024 / 07:40 pm

anoop shukla

महानगर स्थित संस्कृति पब्लिक स्कूल में  3 से 5 मई तक विश्व हिंदू परिषद मातृशक्ति का प्रांतीय प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ। वर्ग का शुभारंभ उद्घाटन सत्र में भारत माता और राम दरबार के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन पूजन क्षेत्रीय संयोजिका कल्पना, प्रांत संगठन मंत्री राजेश, प्रांत संयोजिका मातृ शक्ति जानकी ठाकुर, प्रांत संयोजिका दुर्गा वाहिनी रानी साहनी ने संयुक्त रूप से किया।
मुख्य वक्ता कल्पना के द्वारा देश व समाज के विकास में महिलाओं की भूमिका विषय पर प्रबोधन किया गया।उन्होंने बताया कि अपनी आजीविका के लिए भविष्य, वर्तमान के लिए भूतकाल से अपनी चरण चिह्न छोड़ती हुई स्त्री स्वयं अनुकरणीय है। शक्ति सबके साथ है-शस्त्र के रूप में भी और शास्त्र के रूप में भी, मन बुद्धि, आत्मा में भी और अहंकार क्रोध में भी। इस प्रकार शक्ति सृजनकर्ता भी है और विध्वंसकर्ता भी। शक्ति का प्रयोग पवित्रता सत्यता और सम्मान के लिए होना चाहिए।।
द्वितीय सत्र चर्चा सत्र संगठन एवं कार्यकर्ता निर्माण विषय विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री राजेश द्वारा प्रशिक्षणार्थियों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि आज विश्व हिंदू परिषद अपने यात्रा कल के 60 वर्ष पूरे करने की तरफ अग्रसर है इन 60 वर्षों ने विश्व हिंदू परिषद ने अपने आंदोलन आत्मक एवं रचनात्मक कार्यों के करण समाज में जो स्थान बनाया है वह आप जैसे कार्यकर्ताओं के सहयोग एवं त्याग का परिणाम है।
उन्होंने संगठन के महत्व को इंगित करते हुए कहा कि दुनिया के संपूर्ण हिंदू समाज को एक सूत्र में पिरोकर भारतवर्ष को परम वैभव को शिखर पर पहुंचाना यह संगठन का अंतिम लक्ष्य है और प्रशिक्षण में आने वाली बहनों का उनके द्वारा किए गए प्रशिक्षण में कुशलता से भाग लेने उपरांत मातृशक्ति के कार्य विस्तार कर विश्व हिंदू परिषद के एक सशक्त आयाम के रूप में मातृशक्ति समाज और संस्कृति के निर्माण में सशक्त भूमिका निभा सकेंगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेविका समिति प्रमुख अंजू सिंह चौहान ने कुटुंब प्रबोधन विषय पर बौद्धिक दिया गया जिसमें उन्होंने बताया कि हमारा संस्कार आचार व्यवहार मान्यता से ओतप्रोत है हम वसुदेव कुटुंबकम पर विश्वास करने वाले हैं प्राचीनकाल से ही हमारे परिवार के निर्णय अप्रत्यक्ष रूप से घर के बड़े बुजुर्ग विशेष तौर पर मातृ शक्तियों की सहमति असहमति जान कर ली जाती थी भले ही प्रत्यक्ष रूप से पिता दिखाई देते थे, किंतु वर्तमान समय में बच्चे एकल परिवार में रहते हैं और अपने निर्णय स्वयं लेने लगे हैं जिसके कारण समाज में बहुत ही विकृति आई है जिसका समाधान केवल और केवल मां द्वारा दी जाने वाली संस्कारों से संभव है अतः मातृशक्ति को आवश्यकता है कि आधुनिक संस्कृति आवश्यकतानुसार ग्रहण करते हुए प्राचीन कालीन सनातनी संस्कृति का शिक्षण अपनी संतति को अवश्य देना चाहिए। 
प्रसिद्ध प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ0 अनामिका तिवारी स्त्री रोग विशेषज्ञ के द्वारा स्त्री विमर्श विषय पर जानकारी दी गई जिसमें उन्होंने मातृशक्ति की भ्रूण अवस्था से लेकर प्रौढ़ावस्था तक आने वाली विभिन्न शारीरिक परिवर्तनों एवं समस्याओं और उनके वैज्ञानिक आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ प्राचीन सनातनी औषधि घरेलू चिकित्सा के माध्यम से समाधान बताया उन्होंने बताया कि बच्चों को संस्कार भ्रूण अवस्था से ही देना चाहिए।
सांय कालीन सत्र में समता, खेलो एवं सत्संग का आयोजन किया गया।

रात्रि कालीन सत्र में मनोरंजन सत्र पश्चात दीप निर्वाण किया गया। प्रशिक्षण की द्वितीय दिवस में प्रातः जागरण योग शिक्षा व्यायाम प्राणायाम के साथ प्रारंभ हुआ। अभ्यास वर्ग में वर्ग गीत का अभ्यास कराया गया।
प्रशिक्षण वर्ग में मुख्य रूप से मातृशक्ति प्रांत सहसंयोजक सुमन तिवारी, प्रांत प्रचार प्रसार प्रमुख दुर्गेश त्रिपाठी, विशेष संपर्क प्रमुख डॉक्टर डीके सिंह, सुरक्षा प्रमुख गोपाल निषाद ,महानगर संगठन मंत्री सोमेश ,जिला अध्यक्ष सूर्यनाथ सिंह, अमित, जिला संयोजिका रागिनी श्रीवास्तव,माया गुप्ता, कामिनी, पुष्प लता ,विनीता ,वृंदा ,पूनम सिंह ,राधिका, बीना ,रजनी, नैंसी ,शांति ,सुनीता, मुन्नी ,मीरा ,माया ,चिंकी, रीता शर्मा ,मनोरमा पाल ,संगीता मद्धेशिया ,लक्ष्मी गुप्ता ,बच्ची सिंह ,प्रमिला मिश्रा , शैल तिवारी ,प्रेमा, सीमा पासवान, कांति देवी ,मालती ,कुसुम समेत गोरक्ष प्रांत के 21 जिलों से 70 मातृ शक्ति सम्मिलित हुई।

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