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मुस्लिम समाज की इस पहल की हर ओर हो रही तारीफ, जुलूस-ए-ईद मिलादुन्नबी में नहीं करेंगे यह

locationगोरखपुरPublished: Nov 19, 2018 01:44:24 am

पहल

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गोरखपुर में मुस्लिम समाज ने एक बेहतरीन पहल की है। एक बैठक कर उलेमा ने आवाम से अपील की है कि 21 नवंबर को निकलने वाले जुलूस-ए-ईद मिलादुन्नबी में शहर की तमाम कमेटियां डीजे, बैंड बाजे या ढ़ोल बिल्कुल न बजवायें और न ही आतिशबाजी की जाये। जुलूस में म्यूजिक वाली नात या कव्वाली भी न बजायी जायें। जुलूस में हुड़दंग बिल्कुल भी न हो, बल्कि शांति व अमन के साथ जुलूस निकाला जाये और प्रशासन का सहयोग किया जाये। जुलूस की समाप्ति पर होर्डिंग्स व झंडे सुरक्षित स्थानों पर रख दिए जायें। जुलूस में लोग इस्लामी लिबास में सादगी के साथ शिरकत करें।
जुलूस-ए-ईद मिलादुन्नबी और उसके शरई तकाजे व आदाब विषय पर तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत की एक अहम बैठक रविवार को हुई। अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती अख्तर हुसैन (मुफ्ती-ए-गोरखपुर) ने कहा कि मुसलमान ईद मिलादुन्नबी की खुशियां अदब व एहतराम के साथ मनाएं। इबादत करें, कुरआन-ए-पाक पढ़े, दरूदो-सलाम का नजराना पेश करें। गरीबों व यतीमों को खाना खिलायें, मरीजों का हालचाल पूछें। पड़ोसियों का ख्याल रखें। डीजे, बैंड बाजा व ढ़ोल न बजाएं। दीनी पोस्टर की बेहुमरती न करें। आतिशबाजी न करें और न ही म्यूजिक वाली नात व कव्वाली जुलूस में बजाएं।
संचालन करते हुए मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने कहा कि मुसलमान शरीयत के दायरे में रहकर ईद मिलादुन्नबी की खुशियां मनाएं। पटाखा फूलझड़ी से परहेज करें। इबादत करें।
इस मौके पर तंजीम की जानिब से पत्रकारिता में अहम योगदान देने पर उलेमा ने सैयद फरहान अहमद को फख्र-ए-सहाफत अवार्ड से नवाजा। इस दौरान कारी शराफत हुसैन कादरी, हाफिज नजरे आलम कादरी, मोहम्मद आजम, कारी नूरुलऐन, हाफिज नजरे आलम कादरी, इकरार अहमद, कारी अबू हुजैफा, सफीक अहमद, हाजी मोहम्मद कलीम, अब्दुल्लाह, फिरोज अहमद निजामी, हाजी कमरुद्दीन, मो. तारिक, अब्दुल जदीद आदि मौजूद रहे।
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