गोरखपुर संसदीय सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीट रही है। इस सीट पर गोरखनाथ मंदिर का करीब दस दफा प्रतिनिधित्व रहा है। लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद रिक्त हुई इस सीट पर हुए चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ल प्रत्याशी बनाए गए थे। बेहद नजदीकी की लड़ाई में उपेंद्र दत्त शुक्ला संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी प्रवीण निषाद से 21881 मतों से हार गए थे। पार्टी उनको फिर से प्रत्याशी बनाएगी ऐसा उम्मीद उनको था और वह क्षेत्र में लगे रहे। इधर बीच भाजपा ने कई चेहरों को पार्टी में शामिल कराया जो टिकट की आस लगाए हुए थे। लेकिन पार्टी में कई दावेदारों के आने के बाद बीजेपी की अनिर्णय की स्थिति में पहुंचती गई। आखिरकार पार्टी नेतृत्व ने एक रास्ता निकाला और सभी दावेदारों को दरकिनार कर फिल्मी हस्ती रवि किशन को गोरखपुर से प्रत्याशी बना दिया। गोरखपुर से रविकिशन को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद विरोध के स्वर तो नहीं फूटे लेकिन टिकट की आस लगाए तमाम चेहरे और उनके समर्थक चुप्पी साध गए।
उधर, प्रत्याशी बनाए जाने के बाद रविकिशन पहली बार गोरखपुर पहुंचे। पार्टी ने प्रत्याशी के स्वागत के लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी। ग्रैंड शो की तैयारियों पर गुरुवार को उस समय चर्चा होने लगी जब रोड शो के दौरान अधिकतर प्रमुख चेहरे/टिकट के दावेदार गायब दिखे। यही नहीं संगठन के भी तमाम चेहरे इस रोड शो के दौरान नहीं दिखे।
इन लोगों को खोजती रही निगाहें पूरे यात्रा के दौरान सपा छोड़ भाजपा में आए पूर्व मंत्री जमुना निषाद के पुत्र अमरेंद्र निषाद, सपा से 2014 में लोकसभा प्रत्याशी रहीं पूर्व विधायक राजमति निषाद समेत भाजपा के दर्जनों नामी चेहरे नहीं दिखे। यही नहीं इस रोड शो में भाजपा के नए नए मित्र बनी निषाद पार्टी के लोग भी नहीं दिखे।