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गोरखपुर

जब पीएम मोदी की बेटी बचाआे-बेटी पढ़ाआे अभियान को गोरखपुर विवि में…

दीक्षांत सप्ताह समारोह

गोरखपुरOct 25, 2018 / 10:31 am

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

DDU convocation

जब पीएम मोदी की बेटी बचाआे-बेटी पढ़ाआे अभियान को गोरखपुर विवि में…

गोरखपुर विश्वविद्यालय के 37वें दीक्षांत समारोह 2018 के दीक्षांत सप्ताह के दौरान सांस्कृतिक उत्सव ’रसमंजरी’ का आयोजन किया गया।
दीक्षा भवन में आयोजित कार्यक्रम में बुंदेलखंड के लोकनाट्य शैली पर आधारित नाटक आकर्षण का केंद्र रहा। डाॅ.हिमांशु द्विवेदी द्वारा निर्देशित ‘बोझ नहीं भविष्य हूं’ नाटक बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ से प्रेरित था। नाटक में हास्य के माध्यम से समाज की बुराई पर प्रकाश डाला गया था। बेटों की चाह में शेख चिल्ली लगातार अपनी पत्नी को कोसता है लेकिन अंततः बेटों का अपने पिता के प्रति दुव्र्यवहार किए जाने के बाद वह चेतता है। डॉ. कुमकुम धर एवं उनकी टीम का कत्थक शैली में ‘राम वियोग‘ नृत्य को भी दर्शकों ने खूब सराहा। इस नृत्य नाटिका के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी के वन गमन से अयोध्या में नर नारियों के असहनीय वेदना का वर्णन किया गया।
रविशंकर मिश्र एवं उनके सहयोगी गण फैंनी मार्के उर्फ मीरा (स्वीटजरलैंड ), प्रीतम, गौरव, मितेश मिश्र द्वारा गीत एवं संगीत की जुगलबंदी को भी सराहना मिली।
ललित कला एवं संगीत विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न संगीत की प्रस्तुतियाँ जैसे की बनारसी दादरा, ‘नजरिया लग जाएगी मोरे कान्हा को ‘यनिर्गुण भजन गोपाल दास ‘नीरज‘ का ‘अपनी बानी प्रेम की बानी व एक लोक गीत ‘मोरे गौवां क नौवाँ सुनर लागे ‘और भजन प्रस्तुति जिसका शीर्षक ‘बाबा नाहीं दूजा कोई ,एक अनेकन नाम तुम्हारे मोपे और न होयी’ भी लोगों को खूब भाया।
सांस्कृतिक संध्या में स्वागत भाषण कार्यक्रम संयोजिका प्रो.उमा श्रीवास्तव द्वारा किया गया। संचालन संगीत एवं ललित कला विभाग के सहायक आचार्य शुभंकर डे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. उषा सिंह ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रोफेसर विजय कृष्ण सिंह, मुख्य अतिथि महापौर सीताराम जायसवाल, विशिष्ट अतिथि राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चैधरी तथा कुलपति की पत्नी गीता सिंह के द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इसके बाद ललित कला विभाग की छात्राओं ज्योति सिंह, सोनम, मोनिका, काजल ने गणेश वंदना एवं सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया गया।
इस दौरान डाॅ. प्रदीप साहनी, डाॅ. गौरी शंकर चैहान, प्रदीप राजौरिया, श्रद्धा शुक्ला, पूर्व महापौर डॉक्टर सत्या पांडे, प्रति कुलपति प्रो. एसके दीक्षित, वित्त अधिकारी वीरेंद्र चैबे, कुलसचिव सतीश शर्मा, लेखाधिकारी पीएन सिंह, प्रोफेसर ओ पी पांडे, प्रोफेसर सीपी श्रीवास्तव, प्रोफेसर जितेंद्र मिश्र, प्रोफेसर विनोद सिंह, प्रोफेसर गोपीनाथ, प्रोफेसर अजय कुमार शुक्ला, प्रो दिव्या रानी सिंह, प्रोफेसर रविशंकर सिंह, प्रो छायारानी, प्रोफेसर गोपाल प्रसाद, प्रो हर्ष कुमार, डाॅ. निशा, डाॅ.आशीष शुक्ला, डाॅ.पंकज सिंह, डाॅ.अमित कुमार शर्मा, महेंद्र नाथ सिंह, डॉ. बीएन सिंह आदि मौजूद रहे।
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