मंगलवार को सुनील सिंह जेल से रिहा होने के बाद गोरखपुर पहुंचे। यहां पहुंचने पर कार्यकर्ताआें ने उनका जोरदार स्वागत किया। सुनील ने एेलान किया कि वह भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोलते हुए हियुवा भारत के अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि राममंदिर मुददे पर बीजेपी जनता को धोखा दे रही है। बीजेपी मंदिर के नाम पर शून्य से शिखर तक पहुंची लेकिन जनता को धोखा केवल धोखा दे रही।
सुनील सिंह को हार्इकोर्ट से जमानत मिली है। योगी आदित्यनाथ के संरक्षकत्व वाली हियुवा के कार्यकर्ताओं से विवाद के बाद हियुवा भारत के अध्यक्ष सुनील सिंह को जेल जाना पड़ा था। बाद में उन पर रासुका भी लगा दिया गया था। 30 जुलाई से वह जेल में थे। रासुका की कार्रवाई के बाद कुछ माह पूर्व उनको लखनऊ में शिफ्ट कर दिया गया था।
इस वजह से जेल में थे सुनील सिंह बीते जुलाई में हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं की हियुवा भारत के कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी हुई। मामला थाने तक पहंुचा। सुनील अपने कार्यकर्ताओं को छुड़ाने के लिए राजघाट थाने पहुंचे थे। पुलिस से झड़प होने के बाद उनको तथा उनके 10 साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इन लोगों के खिलाफ आधा दर्जन केस दर्ज किए गए। काफी दिनों बाद पुलिस ने शहर में एक लावारिश गाड़ी बरामद की थी। इस गाड़ी से कुछ असलहे व पेट्रोल बम बरामद हुए थे। गाड़ी पर सुनील सिंह का स्टिकर लगा हुआ था। पुलिस ने यह केस भी सुनील पर बनाया और उनके खिलाफ रासुका की भी कार्रवाई की गई।
कौन हैं सुनील सिंह सुनील सिंह हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। 2017 विधानसभा चुनाव के पहले तक वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अतिकरीबियों में गिने जाते रहे हैं। डेढ़ दशक तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ रह चुके सुनील सिंह ने विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ को भाजपा का यूपी चुनाव में चेहरा बनाने की मांग करते हुए बगावत कर दिए। उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी से प्रत्याशी उतारने का भी ऐलान कर दिया। हालांकि, सुनील सिंह के ऐलान के बाद तत्काल प्रभाव मंदिर के निर्देश पर हिंदू युवा वाहिनी से सुनील सिंह समेत कईयों को संगठन से निकाल दिया गया। लेकिन सुनील सिंह ने हियुवा पर अपना दावा जताते हुए प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया और शिवसेना के सिंबल पर इन प्रत्याशियों को चुनाव भी लड़ाया। सफलता तो किसी भी प्रत्याशी को नहीं मिली परतुं आलम यह रहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलावा यूपी भाजपा के प्रदेश प्रभारी समेत तमाम सीनियर नेताओं को गोरखपुर में कैंप करना पड़ा। यह बात दीगर है कि चुनाव बाद सुनील सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ आने की कोशिश की लेकिन उनकी संगठन में एंट्री नहीं हुई। संगठन में वापसी नहीं होने के बाद सुनील सिंह ने हिंदू युवा वाहिनी भारत नाम से संगठन बना लिया। प्रदेश में सगठन खड़ा करने के लिए लगे हुए थे। उन्होंने कट्टर हिंदूत्व की राह पर चलते हुए भाजपा और हियुवा पर प्रहार भी करने शुरू कर दिए थे। लेकिन हियुवा व हियुवा भारत के बीच हुए विवाद में वह जेल की सलाखों के पीछे कर दिए गए थे। अब जाकर जमानत मिल सकी।