भाजपा विधायक की पत्नी ने कांग्रेस से दिया था पाल को चुनौती 2014 लोकसभा चुनाव में डुमरियागंज में मुकाबला काफी रोमांचक रहा। भाजपा से बांसी विधायक रहे राजा जय प्रताप सिंह की पत्नी वसुंधरा ने 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिला किया था। हुआ यह कि जब कांग्रेस के सिटिंग सांसद रहे जगदंबिका पाल ने भाजपा ज्वाइन कर लिया तो कांग्रेस ने दांव चला। कांग्रेस ने डुमरियागंज से 2009 में भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी रहे राजा जय प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतार दिया था। राजा जय प्रताप सिंह भाजपा से बांसी क्षेत्र से विधायक थे। रानी वसुंधरा सिंह चुनाव मैदान में उतरी तो मुकाबला काफी रोमांचक हो गया था। हालांकि, रानी को आशानुरूप वोट नहीं मिले लेकिन पूरा चुनाव त्रिकोणीय बना रहा। इसी सीट पर सपा के कद्दावर नेता माता प्रसाद पांडेय भी मैदान में थे। 2014 के चुनाव में भाजपा के सांसद जगदंबिका पाल को 298845 वोट मिले तो सपा के माता प्रसाद पांडेय को 174778 मत मिले। कांग्रेसी प्रत्याशी रानी वसंुधरा को 88117 मत मिले थे। जबकि पीस पार्टी के मोहम्मद अयूब खां को 99242 वोट मिले थे।
राजा जय प्रताप सिंह योगी सरकार में हैं आबकारी मंत्री बांसी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव जीतकर 1989 में पहली बार विधानसभा पहुंचे राजा जय प्रताप सिंह का अपने क्षेत्र में काफी बोलबाला है। दो बार निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद भाजपा के सिंबल पर वह लगातार चुनाव जीत रहे हैं। केवल 2007 में उनको हार का सामना करना पड़ा था। लगातार अपने क्षेत्र से विधायक बनने वाले राजा जय प्रताप सिंह इस बार योगी आदित्यनाथ की सरकार में काबीना मंत्री हैं। वह 2009 में भाजपा के प्रत्याशी के रूप में डुमरियागंज लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।
इस बार बीजेपी की टिकट की लाइन में वसुंधरा भी बीजेपी अगर डुमरियागंज लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी को बदलती है तो प्रदेश के काबीना मंत्री राजा जय प्रताप सिंह की पत्नी रानी वसुंधरा के नाम पर भी विचार कर सकती है। बांसी से लगातार विधायक चुने जा रहे काबीना मंत्री अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। राजनैतिक रूप से जगदंबिका पाल के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उनकी पत्नी वसुंधरा भी कांग्रेस की टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ चुकी थी। सूत्रों की मानें तो प्रदेश नेतृत्व इस बार टिकट देने पर जिन नामों पर विचार कर सकता है उसमें रानी वसुंधरा का नाम भी मजबूत कैंडिडेट्स के रूप में हो सकता है।