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योगी के जिले में इसलिए हुई रिटायर्ड दरोगा और उनके बेटे की हत्या, फिर ऐसे जली गाड़ियां

locationगोरखपुरPublished: Apr 11, 2018 01:11:56 pm

दरोगा के भाई और भतीजा की भी हत्या दो साल पहले इसी मामले में की गई थी लेकिन नहीं हुई थी आरोपी की गिरफ्तारी

murder: double murder by bullets

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गोरखपुर। प्रदेश में अपराध और अपराधियों के हौसले पस्त होने का दावा कर रही पुलिस और सरकार के दावे गोरखपुर में आकर फुस्स साबित हो रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिले में ही फरार अपराधी के हौसले इतने बुलंद हो जाते है कि दो हत्या के मामले में आरोपी सरेआम घूमता है, पुलिस की इकबाल को चुनौती देते हुए दो आैर हत्याएं करता आैर बड़े आराम से फिर फरार भी हो जाता है। यह दो हत्याएं एक साथ कई सवाल खड़े करते हैं जो कि प्रदेश में सुशासन पर प्रश्नचिन्ह भी है। वजह यह कि जब पुलिस विभाग से जुड़ा एक व्यक्ति और उसका परिवार सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी का क्या। मृतक रिटायर्ड दरोगा के छोटे बेटे का सवाल भी मौजूं है कि जो व्यक्ति फरार था वह खुलेआम बाइक से घूमता रहा और पुलिस उसे क्यों नहीं ढूंढ पाई। हालांकि, पुलिस के आला अधिकारी फरारी अपराधी के खुलेआम घूमने और पुलिस की भूमिका पर जांच का आश्वासन दे रहे।
इस तरह हुई पिता-पुत्र की हत्या

झंगहा थानाक्षेत्र के सुगहा गांव के रहने वाले जय हिंद यादव पुलिस विभाग से रिटायर्ड दरोगा थे। वह अपने पुत्र नागेंद्र यादव के साथ मंगलवार की शाम को गोरखपुर से घर जा रहे थे। घर जाते वक्त बरही चैकी के गजायलकोल पुलिया के पास बुलेट पर सवार कुछ बदमाश आतेे हैं और सरेराह गोलियों से भून कर फरार हो गए। गोली लगने से दोनों वहीं ढेर हो गए। गोली चलने की आवाज से लोग दौड़े हुए आये। दोनों वहीं पड़े रहे। देखते ही देखते परिजन व गांव के काफी संख्या में लोग पहुंच गए।
इसी बीच किसी की सूचना पर पुलिस भी वहां पहुंच गई। लेकिन पुलिस को देखते ही लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। लोग आक्रोशित हो गए। देखते ही देखते उनका गुस्सा भड़क गया। गुस्साएं लोगों ने पुलिस को दौड़ा लिया। पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। घटना के बारे में जानकारी होने पर क्षेत्रीय विधायक संगीता यादव भी पहुंची लेकिन लोगों ने उनको भी लोगों ने दौड़ा लिया। वह किसी तरह वहां से निकल सकीं।
लोगों का आक्रोश बढ़ता देख भारी मात्रा में फोर्स बुला ली गई। जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। लोग शव को रखकर गुस्से का इजहार कर रहे थे। पुलिस ने लोगों को हटाने केलिए लाठीचार्ज कर दिया। दौड़ा-दौड़ाकर लोगों की पिटाई करनी शुरू कर दी। आंसू गैस के गोले छोड़े गए। करीब तीन घंटें की मशक्कत के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। परिवारीजन को भी पुलिस अपने साथ लेकर गई। तनाव को देखते हुए गांव तथा आसपास के क्षेत्रों में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया। रात भर निगहबानी होती रही।
चक की जमीन के लिए हो चुकी है चार हत्याएं

रिटायर्ड दरोगा जयहिंद यादव के परिवार की गांव में जमीन है। इस जमीन को लेकर दूसरे पक्ष से कुछ सालों से विवाद चला आ रहा है। चकबंदी के दौरान यह विवाद गहराया। बताया जाता है कि इसी विवाद में जयहिंद यादव के भाई बलवंत और भतीजा कौशल की दूसरे पक्ष ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में पांच लोग नामजद थे। लेकिन दो साल से अधिक समय बीतने के बाद भी मुख्य आरोपी फरार चल रहा था। रिटायर्ड पुलिसकर्मी जयहिंद यादव पुलिस विभाग में तमाम बार अर्जी देकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर चुके थे।
असलहा लेकर नहीं निकले थे जयहिंद
परिवार पर खतरा और घर के दो-दो लोगों की हत्या के बाद जयहिंद का परिवार दहशत में जीता था। आरोपियों के जेल में नहीं होने से इन लोगों का डर स्वभाविक था। वह अपने परिवार पर खतरा को देखते हुए राइफल लेकर चलते थे। लेकिन मंगलवार को वह बिना असलहा ही गोरखपुर गए हुए थे। शायद यह उनकी आखिरी भूल थी। लौटते वक्त निहत्थे पिता-पुत्र पर बदमाशों ने गोलियां बरसा दी।

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