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गोंडा

बाल विकास परियोजना की सर्वे रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, रिपोर्ट में हुआ खेल

बाल विकास परियोजना की सर्वे रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, रिपोर्ट में हुआ खेल

गोंडाOct 28, 2018 / 12:38 pm

Ruchi Sharma

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बाल विकास परियोजना की सर्वे रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, रिपोर्ट में हुआ खेल

गोण्डा. स्कूल से बाहर बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के सभी प्रयास फेल होते नजर आ रहे है। दो विभाग व एक संस्था की अलग-अलग विरोधाभाष रिपोर्ट में कौन सही, यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। हलांकि बेसिक शिक्षा विभाग ने हाउस होल्ड सर्वे की रिपोर्ट को भ्रामक मानते हुए खण्ड शिक्षाधिकारियों को पुनः सर्वे कराने का निर्देश दिया। मजे की बात तो यह है कि सितम्बर माह में बाल विकास परियोजना विभाग द्वारा कराये गये डोर टू डोर सर्वे रिपोर्ट में स्कूल से बाहर बच्चों की संख्या बड़ी तादात में दिखाई गई। जिससे शिक्षा विभाग सकते में आ सकता है।
शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा हाउस होल्ड सर्वे कराया गया था। सर्वे रिपोर्ट में जिम्मेदारों की मनमानी भारी पड़ी। जिले के छह विकास खण्डों व नगर क्षेत्र के खण्ड शिक्षाधिकारियों स्कूल से बाहर बच्चों की संख्या शून्य दिखाई है। जबकि यूनिसेफ के द्वारा कराये गये पांच ब्लाकों के सर्वे रिपोर्ट में यह संख्या 398 है। यही नहीं बेसिक शिक्षा विभाग के दस ब्लाकों के सर्वे रिपोर्ट में यह संख्या 228 है।

सर्वे रिपोर्ट खुद इस बात की गवाह बन चुकी है कि यह हाउस होल्ड सर्वे नहीं बल्कि आॅफिस की आंकड़ों बाजी है। हलांकि रिपोर्ट को बीएसए ने भ्रामक मानते हुए खण्ड शिक्षाधिकारियों को वापस कर दिया और पुनः सर्वे कराने के निर्देश दिये है। खास बात यह है कि भ्रामक रिपोर्ट देने वाले इन जिम्मेदारों के विरुद्ध कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया। यह भी एक बड़ा यक्ष प्रश्न है। शायद यही कारण है कि शिक्षा विभाग में आंकड़ों की बाजीगरी खूब चलती है। खुलासा होने पर सिर्फ दोबारा रिपोर्ट देने को कहा
जाता है।
बाल विकास परियोजना विभाग ने किया बड़ा खुलासा

एक तरफ जहां बेसिक शिक्षा विभाग के हाउस होल्ड सर्वे में अधिकतर ब्लाकों में 6 से 14 वर्ष के स्कूल से बाहर बच्चों की संख्या शून्य दिखाई गई है। वहीं बाल विकास परियोजना विभाग के 11 से 14 वर्ष के स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं की संख्या 6547 दिखाई गई है। इस तरह वजीरगंज में 232, झंझरी में 168, पंडरी कृपाल में 335, शहर में 35, तरबगंज में 184, नवाबगंज 880, मुजेहना 582, कटरा में 496, हलधरमऊ में 419, रुपईडीह में 412, छपिया में 234, मनकापुर में 386, बेलसर में 302, परसपुर में 186, बभनजोत में 756, इटियाथोक में 405, कर्नेलगंज में 535 की संख्या दर्शायी गई है। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग ने 6 से 14 वर्ष के बच्चों की संख्या का सर्वे कराया गया। जिसमें यह संख्या 228 है, जबकि बाल विकास परियोजना विभाग ने 11 से 14 आयु वर्ग की स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं की संख्या 6547 दिखाया है।

इस सम्बन्ध में प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी दिलीप पाण्डेय ने बताया कि 11 से 14 वर्ष की स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं की यह सही संख्या है। हम बहुत ही जल्द इन बच्चियों के नाम व पते सूची बनवा रहे हैं। इसको हम बेसिक शिक्षा विभाग को भी सौपेंगे और मेरा सुझाव होगा कि दोनों विभाग प्रयास करके इन बच्चियों के अभिभावकों से सम्पर्क कर इन्हें विद्यालय भेजा जाए।
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