बताया गया है कि गाजीपुर के करंडा थानाक्षेत्र के नारी पचदेवरा गांव में शुक्रवार की दोपहर करीब दो बजे के आसपास महिलाएं घर के बाहर किसी काम में व्यस्त थीं कि इसी बीच अनिल शर्मा की घर से नजदीक बनी मड़ई में आग लग गयी। अंदर से भागकर बाहर निकले दो बच्चे वहीं चीखने लगे। उनकी आवाज सुनकर महिलाएं दौडीं तो सीमेंट शेड की आग और बढ़ गयी। हो हल्ला सुनकर पुरुष भी आ गए और आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू हो गयी। लोग आग बुझा ही रहे थे कि अंदर से छोटे बच्चों के चीखने की आवाज सुनकर सभी दहल गए। तत्काल किसी ने 100 नंबर पर फोन कर पुलिस को खबर दी।
करंडा थानाध्यक्ष राजीव कुमार फायर ब्रिगेड को सूचना देते हुए हमराहियों के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे। पुलिस ने भी कोशिश की, लेकिन आग और विकराल हो चुकी थी। थोड़ी देर बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी वहां पहुंची और आग बुाझायी गयी। तत्काल मलबे से पूरी तरह जल चुके बच्चों को कंबल के नीचे लिपटे हुए निकाला गया। आशंका जतायी जा रही है कि दोनों बचने के लिये एक दूसरे से लिपट गए होंगे। उनकी मौत हो चुकी थी। घटना के बाद तो गांव में कोहराम मच गया। पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिये भिजवाया।
हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आग कैसे लगी, लेकिन ग्रामीणों के मुताबिक जिस सीमेंट शेड में चार बच्चे खेल रहे थे उसे चारों ओर से पुआल से घेरा गया था और अंदर भी बिछाया गया था। संभवत: किसी बच्चे ने खेल-खेल में ही माचिस लगा दिया होगा, जिसके चलते यह आग लगी। उनके मुताबिक दो छोटे बच्चे तो पहले ही भाग निकले, पर बाकी दो छोटे मासूम आर्यन (2) पुत्र अनिल शर्मा व रोहित (3) पुत्र गोविंद शर्मा उसी में फंस गए। दोनों ने शायद बचने के लिये अंदर रखे कंबल जैसी चादर को ओढ़ लिया, लेकिन पूरी झोंपड़ी आग की चपेट में आ गयी और दोनों मासूम उसी में अंदर ही जलकर मर गए। मरने वाले दोनों मासूम आपस में चाचा-भतीजा हैं। गोविंद अनिल के बड़े दादा का बेटा था।
By Alok Tripathi