ट्रैफिक पुलिस कर रही थी चेकिंग उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद फरमान जारी किया गया था कि अब वीआईपी कल्चर बंद किया जाएगा। गाड़ी पर हूटर या लाल-नीली बत्ती लगाने पर रोक लगा दी गई थी। इसके बावजूद कई नेता इससे बाज नहीं आ रहे। गाजियाबाद में सोमवार को पुराना बस अड्डा चौक पर ट्रैफिक पुलिस चेकिंग कर रही थी। इस बीच वहां से हूटर लगी स्कॉर्पियो कार गुजरी। उसके शीशों पर काली फिल्म चढ़ी थी और भाजपा का झंडा लगा हुआ था। यह देखकर पुलिसवालों ने गाड़ी रोक दी। इस पर गाड़ी में बैठे-बैठे ही एक शख्स ने उन्हें जाने देने का इशारा किया। पुलिसकर्मियों ने दबाव में न आते हुए गाड़ी को किनारे लगवा दिया।
गाड़ी से निकले जिला पंचायत सदस्य ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के न मानने पर गाड़ी के अंदर बैठा शख्स बाहर आ गया। उन्होंने पुलिसकर्मियों को बताया कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं और अमरोहा जिला पंचायत के सदस्य हैं। उन्होंने फिर से पुलिसकर्मियों पर सत्ता की धौंस दिखाई। इसके बाद नेताजी और पुलिसकर्मियों के बीच काफी देर तनातनी हुई। दबाव न बनता देख नेता जी ने कुछ ही देर में एक फोन लगाया और पुलिसकर्मियों से कहा कि बात करें। ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने फोन सुनने से भी इंकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने गाड़ी पर लगे हूटर को उतरवा दिया और चालान काटकर उनके हाथ में थमा दिया। इसके साथ ही उन्होंने नेता जी को हिदायत दी कि यदि भविष्य में वह गाड़ी पर हूटर या लाल बत्ती लगाएंगे, तो उनका चालान फिर काट दिया जाएगा।
जिले में चलती हैं ऐसी गाड़ियां अमरोहा के जिला पंचायत सदस्य का कहना है कि उनके जिले में सभी गाड़ियों में हूटर लगे थे। वहां चलती है। उन्होंने ड्राइवर से इसे उतारने को कहा था लेकिन चाबी नहीं मिली थी। उन्होंने यह गाड़ी बरेली के दरोगा से ली थी। गाड़ी के शीशों पर काली फिल्म पहले से लगी हुई थी। इस बारे में टीआई रमेश तिवारी का कहना है कि कानून सबके लिए बराबर है।