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गाज़ियाबाद

इस नरपिशाच को 11वीं बार मिली फांसी की सजा, ये खौफनाक दास्तां सुन दहल जाएगा दिल

12 वर्षीय बच्ची के अपहरण आैर दुष्कर्म केस में भी सुरेंद्र कोली कोर्ट ने सुनार्इ फांसी की सजा

गाज़ियाबादApr 06, 2019 / 05:13 pm

lokesh verma

Surendra Koli

इस नरपिशाच को 11वीं बार मिली फांसी की सजा, ये खौफनाक दास्तां सुन दहल जाएगा दिल

गाजियाबाद. नोएडा के बहुचर्चित निठारी 11वें केस में एक बच्ची के अपहरण के बाद उसके साथ बलात्कार और हत्या के मामले में आरोपी सुरेंद्र कोली को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनार्इ है। इसके साथ ही विशेष अदालत के न्यायाधीश ने उस पर एक लाख दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जबकि सुबूत और गवाह नहीं होने के कारण मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी कर दिया है।
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इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने बताया कि निठारी कांड में शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश अमित वीर सिंह ने 11वें केस में तमाम सबूत के आधार पर सुरेंद्र कोली को दोषी करार दिया था। जिसके बाद आज फैसला सुनाते हुए 11वें केस में केस में भी फांसी की सजा सुना दी है। वहीं साक्ष्य के अभाव में उसके सहयोगी मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जितने भी केस चल रहे थे। उनमें अब तक सुरेंद्र कोली को 11 केसों में दोषी पाया गया है।
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उन्होंने बताया कि अदालत में यह 11वां मामले था, जिसमें सुरेंद्र कोली को करीब 12 साल की एक बच्ची के अपहरण, उसके साथ दुष्कर्म, हत्या और साक्ष्य मिटाने का दोषी पाया गया है। उन्होंने बताया कि 10 मामलों में सुरेंद्र कोली को पहले ही फांसी की सजा हो चुकी है। जबकि उसके द्वारा हाईकोर्ट में दी गई एक अर्जी पर उसे राहत देते हुए उच्च न्यायालय ने उम्रकैद की सजा में बदल दिया था। लेकिन, अब शनिवार को 11वें केस में भी सुरेंद्र कोली को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुना दी गर्इ है।
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कब-कब किस मामले में फांसी की सजा
13 सितंबर 2009: को एक बच्ची की हत्या में फांसी की सजा।
12 मई 2010: को मासूम बच्ची की हत्या में फांसी की सजा।
28 सितंबर 2010: को बच्ची की हत्या के मामले में फांसी की सजा।
22 दिसंबर 2010: को एक अन्य बच्ची की हत्या में फांसी की सजा।
24 दिसंबर 2012: को एक अन्य बच्ची की हत्या के मामले में भी फांसी की सजा।
7 अक्टूबर 2016: को एक महिला की हत्या के मामले में फांसी की सजा।
16 दिसंबर 2016: को एक युवती की हत्या के केस में फांसी की सजा।
24 जुलाई 2017: को सुरेंदर कोली और मोनिंदर पंढेर को फांसी की सजा।
8 दिसंबर 2018: को घर में काम करने वाली महिला की रेप के बाद हत्या में फांसी की सजा।

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