ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इससे पूर्व कई बार उच्चाधिकारियों को शिक्षकों की कमी की जानकारी दे चुके हैं। किंतु अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अंतत: थक हारकर उन्हें स्कूल के बाहर बच्चों के साथ मिलकर धरना-प्रदर्शन करने विवश होना पड़ा। इस संबंध में क्षेत्र के जनपद पंचायत के सदस्य व जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष प्रवीण यादव ने बताया कि लगातार और लंबे समय से शाला में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। बार-बार शिक्षकों की मांग किए जाने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हो रही है। कक्षा 3री से छठवीं, सातवी और 8वीं कक्षा तक पढ़ाने के लिए मात्र दो शिक्षक हैं।
वे भी विभिन्न शासकीय कार्य के लिए गरियाबंद आना-जाना करते हैं। इसके चलते मात्र एक शिक्षक ही बच्चों को पढ़ाने केलिए शाला में रहता है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी। बच्चों का भविष्य के देख उनके पालक काफी चिंतित रहते हैं। इसके चलते ग्रामीणों, पालकों और बच्चों ने शाला बहिष्कार का निर्णय लिया है। यहां तक कि मध्याह्न भोजन भी नहीं करेंगे। उनका यह बहिष्कार स्कूल में शिक्षक की व्यवस्था होते तक जारी रहेगा।