न्यायालय अपर आयुक्त के इस फैसले के बाद सरपंच सरिता सेन के समर्थकों में शुक्रवार को जश्न का माहौल था। सरपंच सरिता सेन ने कहा कि ग्राम पंचायत के भीतर कुछ लोग उन पर भ्रष्टाचार का निराधार आरोप लगाकर विकास को प्रभावित करने पर लगे हुए हैं। मुझपर लगे भ्रष्टाचार के सारे आरोप पूर्णत: निराधार है। न्यायालीन फैसले से यह पूरी तरह स्पष्ट हो चला है। मैनपुर की जनता ने उन्हें ग्राम विकास का जिम्मा सरपंच चुनाव जीताकर दिया है। जिस पर वे पूरी तरह खरी उतरते हुए मैनपुर को विकास के पथ पर आगे तक ले जायेंगी।
पंचायत के भीतर विवाद की सतह इतनी ऊंची हो गई कि दो साल पहले सरपंच सरिता सेन के विरुद्ध पूर्ण बहुमत के साथ अविश्वास प्रस्ताव तक पास हो गया था, लेकिन सरपंच सरिता सेन को न्यायालय से लगातार अविश्वास मामले मे स्थगन प्राप्त होता रहा। अविश्वास मामले में न्यायालय कलक्टर द्वारा 30.08.2018 को अविश्वास प्रस्ताव पर मोहर लगा दी गई थी। अठ्ठारह दिन बाद 17 सितंबर को पंचायत की वरिष्ठ पंच कस्तुरा नायक को स्थापन्न सरपंच सर्व सम्मति से चुन लिया गया था, लेकिन महज दो दिन बाद ही अपर आयुक्त संभाग रायपुर के स्थगन के बाद सरपंच सरिता पुन: सरपंच की कुर्सी को सुरक्षित रखने में सफल हुईं है।