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अब बर्फ कारखानों पर छापे की तैयारी, लापरवाही बरती गई तो होगी कड़ी कार्रवाई

locationगरियाबंदPublished: Feb 10, 2019 04:45:22 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

अब बर्फ फैक्ट्रियों में काम धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है, लेकिन इस बार जरा सी भी लापरवाही उन पर भारी पड़ सकती है।

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अब बर्फ कारखानों पर छापा की तैयारी, लापरवाही बरती गई तो होगी कड़ी कार्रवाई

भाटापारा (सूरजपुरा). सीजन की दस्तक और डिमांड बढ़ती देखकर अब बर्फ फैक्ट्रियों में काम धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है, लेकिन इस बार जरा सी भी लापरवाही उन पर भारी पड़ सकती है। क्योंकि खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इस कारोबार का एक-एक कोना छान मारने की पूरी तैयारी कर ली है।
बर्फ का बाजार अब तैयार होने लगा है। महीनों से पड़ी धूल हटाई जा रही है। एक एक हिस्सा तैयार किया जा रहा है। ताकि सीजन की मांग के बीच कहीं कोई रुकावट ना आए, लेकिन इस बार उनकी एक छोटी सी लापरवाही उन्हें भारी मुसीबत में डाल सकती है क्योंकि इस सीजन में खाद एवं औषधि प्रशासन विभाग ने जिले के कोने-कोने में चालू होने की तैयारी में लगे बर्फ कारखानों की बेहद बारीकी से जांच करने की योजना बना ली है। इस काम में मोबाइल लैब वैन की मदद की भी योजना है।

इसलिए निशाने पर बर्फ
अपनी पिछली जांच में प्रशासन ने पाया था कि अधिकतर बर्फ कारखाने न तो पानी की गुणवत्ता का ध्यान रखते हैं और न ही उस सांचे का जिसमें बर्फ जमाया जाता है। अधिकतर जगहों की जांच में इन सांचों में बेतरह जंग लगा होना पाया गया है। इसके अलावा वह टैंक जिसमें इस सांचे डूबा कर निकाला जाता है। उसमें भरा पानी भी नहीं बदला जाता। जंग लगा सांचा न केवल पानी को प्रदूषित कर सकता है बल्कि उस बर्फ को भी खराब कर सकता है जो कई रूपों में उपभोक्ताओं में पहुंचते हैं।

ये उपाय जरूरी होंगे
बर्फ कारखानों के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने जो मानव जारी किए हैं इसके मुताबिक अब बर्फ बनाने का सांचा हर सीजन में नया बनवाना होगा। जंग लगा सांचा पूरी तरह शिकंजे में होगा। पानी जिससे बर्फ बनाया जा रहा है, उसकी गुणवत्ता को जांच के लिए सभी बर्फ कारखानों में उच्च तकनीक से लैस लैबोरेट्री भी अनिवार्य होगी। बर्फ बनाए जाने के पहले पानी का टेस्ट रिपोर्ट लिखित में दर्ज करना होगा। वह पानी की टंकी जिसमें बर्फ जाकर सांचा डुबाया जाता है, उसका पानी उपयोग के बाद बदलना अनिवार्य होगा। स्वच्छता सबसे अहम और जरूरी शर्त होगी।

निशाने पर होंगे ये सभी
कारखानों के अलावा प्रशासन की नजर में आइस कैंडी बनाने वाली इकाइयां भी होंगी। लोकल ब्रांड के आइसक्रीम निर्माताओं पर भी नकेल कसने की तैयारी अंतिम चरण में है। इन्हें इसलिए जांच के घेरे में लिया जा रहा है। यह बाजार है उन रंगों का जो रंगीन बर्फ के गोले के रूप में बच्चों के हाथों तक पहुंचता है, इसलिए रंग बाजार भी नजर में होंगे। बर्फ कारखाने भी ऐसे रंग बेचने लगी है। इसलिए जांच के दायरे में यह भी होंगे।

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