वहीं बजट में नदी से पेयजल के लिए राशि स्वीकृत होने की खबर सुनने के बाद ग्रामीण बहुत ज्यादा उत्साहित हो गए। गांव के त्रिलोचन, महेन्द्र, पिताम्बर का कहना है कि सरकार ने सुपेबेड़ा का दर्द समझा। प्रदेश के मुखिया भी कांग्रेस अध्यक्ष रहते आकर गांव की स्थिति देख चुके हैं, ऐसे में उन्होंने जिस तरह से गांव की समस्या को जितनी गंभीरता से लेकर काम किया है, इसके लिए उनका जितना धन्यवाद दिया जाए कम है।
आसपास के छह गांव भी होंगे लाभान्वित
सुपेबेड़ा के त्रिलोचन सोनवानी ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने पीएचई मंत्री रूद्रगुरू से मिलकर उन्हें जानकारी दी थी कि सुपेबेड़ा में जिस समय ब्लड लिया गया था, उस दौरान आसपास लगा हुआ ठिरलीगुड़ा, सेनमुड़ा, मोटरापारा, निष्टीगुड़ा, सागौनभाड़ी में भी कुछ ग्रामीणों के ब्लड सैंपल लिए गए थे, यहां भी पानी के खराब होने की बात सामने आई थी।
वहीं छह गांव में जांच के दौरान करीब आठ से नौ लोगों में उस दौरान यूरेनन और क्रिटीनीन बढ़ा हुआ मिला था, जिसके बाद से लगातार छह गांव के लोग भी नदी से पानी दिए जाने की मांग करते आ रहे थे। बताया गया है कि बजट में स्वीकृति मिल गई है, ऐसे में जल्द ही काम शुरू भी कर दिया जाएगा। वहीं, आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि निष्टीगुड़ा नदी से पानी ग्रामीणों को दिए जाने की योजना बनाई गई है।